छत्तीसगढ़ को मिली 7 हजार करोड़ की सौगात

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आदिवासी क्षेत्रों के विकास की नई गाथा शुरू- मोदी
रायपुर । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की विकास यात्रा में आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण है। आज छत्तीसगढ़ को 7000 करोड़ से अधिक की परियोजनाओं का उपहार मिला है। यह उपहार अधोसंरचना के लिए है। कनेक्टिविटी के लिए है। यह उपहार छत्तीसगढ़ के लोगों का जीवन आसान बनाने के लिए है। यहां की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए है। भारत सरकार की इन परियोजनाओं से यहां रोजगार के अनेकों नए अवसर मिलेंगे। खनिजों से जुड़े प्रोजेक्ट को भी बहुत लाभ मिलेगा। सबसे बड़ी बात यह है कि आदिवासी क्षेत्रों में सुविधा और विकास की नई यात्रा शुरू होगी। मैं छत्तीसगढ़ के लोगों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। भारत में हम सभी का दशकों पुराना अनुभव यही है कि जहां इंफ्रास्ट्रक्चर कमजोर रहा वहां विकास भी उतनी ही देरी से पहुंचा। इसलिए आज भारत उन क्षेत्रों में अधिक इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित कर रहा है जो विकास की दौड़ में पीछे रह गए हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर यानी लोगों के जीवन में आसानी, व्यापार कारोबार में आसानी, रोजगार के लाखों अवसरों का निर्माण, इंफ्रास्ट्रक्चर यानी तेज विकास। आज भारत में जिस तरह आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित हो रहा है, छत्तीसगढ़ में भी यह नजर आ रहा है। पिछले 9 वर्षों में छत्तीसगढ़ के हजारों आदिवासी गांवों में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत सड़क पहुंची हैं। भारत सरकार ने लंबी हाईवे की योजनाएं शुरू की हैं। 3000 किलोमीटर की परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। इसी कड़ी में आज रायपुर पतरापाली हाईवे का लोकार्पण हुआ है। कनेक्टिविटी के लिए भारत सरकार ने छत्तीसगढ़ में अभूतपूर्व कार्य किया है। आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का एक बहुत बड़ा लाभ यह है। इस पर उतनी चर्चा नहीं हो पाती। इसका संबंध सामाजिक न्याय से भी है। जो सदियों से अन्याय और असुविधा झेलते रहे उन तक भारत सरकार आधुनिक सुविधाएं पहुंचा रही है। गरीब दलित पिछड़े आदिवासी इनकी बस्तियों को जोडऩे आज यह सड़क है। यह रेल लाइनें जोड़ रही हैं। दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले मरीजों को माताओं बहनों को आज अस्पताल पहुंचने में सुविधा हो रही है। यहां के किसानों, यहां के मजदूरों को इससे सीधा लाभ हो रहा है। इसका एक और उदाहरण मोबाइल कनेक्टिविटी भी है। 9 साल पहले छत्तीसगढ़ के 20 प्रतिशत से ज्यादा गांवों में किसी तरह की मोबाइल कनेक्टिविटी नहीं थी आज यह घटकर केवल 6 प्रतिशत रह गई है। अधिकतर जनजातीय गांव हैं, नक्सल हिंसा से प्रभावित गांव हैं, इन गांवों को भी अच्छी 4 जी कनेक्टिविटी मिली। इसके लिए भारत सरकार ने 700 से ज्यादा मोबाइल टावर लगाए। 300 काम करना शुरू कर चुके हैं। आदिवासी गांवों में पहुंचते ही मोबाइल सन्नाटे में आ जाते थे।

उसी गांव में मोबाइल की रिंगटोन बज रही है। मोबाइल कनेक्टिविटी पहुंचने से गांव के लोगों को काम में मदद मिलती है। यही तो सामाजिक न्याय है। यही तो सबका साथ सबका विकास है। रायपुर विशाखापट्टनम कॉरिडोर के काम इस क्षेत्र का भाग्य बदलने वाले हैं। यह आकांक्षी जिलों से होकर गुजर रहे हैं जिन्हें पिछड़ा कहा जाता था जहां कभी हिंसा और अराजकता थी, उन्हीं क्षेत्रों में भारत सरकार के नेतृत्व में विकास की नई गाथा लिखी जा रही है। इस कॉरिडोर से रायपुर विशाखापट्टनम के बीच का सफर आधा हो जाएगा। यह छत्तीसगढ़ की समृद्धि को देश से जोडऩे का काम करेगा। यह वन्यजीव क्षेत्रों से गुजरेगी इसलिए वन्यजीवों की सहूलियत के लिए व्यवस्था की जाएगी। दल्ली राजहरा से जगदलपुर रेल लाइन हो, अंतागढ़ से रायपुर के लिए सीधी रेल सेवा हो, इससे यहां के क्षेत्रों में आना-जाना और आसान होगा। भारत सरकार का कमिटमेंट है जहां प्राकृतिक संपदा है वहीं नए अवसर बनें। ज्यादा से ज्यादा उद्योग लगे, इस दिशा में भारत सरकार ने जो प्रयास 9 साल में किए हैं उनसे छत्तीसगढ़ में औद्योगिकरण को नई ऊर्जा मिली है। भारत सरकार की नीतियों से छत्तीसगढ़ के पास राजस्व के रूप में अधिक पैसा पहुंचा है। खास तौर पर माइंस और मिनरल एक्ट बदले जाने के बाद छत्तीसगढ़ को अधिक पैसा मिलने लगा है। 2014 से पहले के 4 वर्षों में छत्तीसगढ़ को 1300 सौ करोड़ रॉयल्टी के रूप में मिले जबकि 15 16 से 21-22 के बीच लगभग 28 सौ करोड़ मिले। इससे छत्तीसगढ़ के कामों में डीएमएफ का पैसा खर्च हो रहा है। विकास के काम में छत्तीसगढ़ को बहुत लाभ हुआ है। भारत सरकार के प्रयास से छत्तीसगढ़ में 16000000 से ज्यादा जनधन खाते खोले गए हैं। जिनमें 6000 करोड़ से अधिक जमा हैं। यह गरीबों किसानों श्रमिकों का पैसा है जो यहां वहां रखने के लिए मजबूर थे। आज जनधन खातों की वजह से गरीबों को सरकार की सीधी मदद मिल पा रही है। छत्तीसगढ़ के युवाओं को रोजगार मिले, स्वरोजगार करना चाहे तो स्वरोजगार मिले, इसके लिए भारत सरकार निरंतर काम कर रही है। मुद्रा योजना के अंतर्गत युवाओं को मदद दी गई है। यह पैसे भी बिना गारंटी के दिए गए हैं। बड़ी संख्या में छत्तीसगढ़ के गांव में हमारे आदिवासी युवाओं ने अपना कुछ काम शुरू किया है। भारत सरकार ने कोरोना वायरस के समय देश के छोटे उद्योगों को मदद देने के लिए भी लाखों करोड़ों की योजना बनाई। छत्तीसगढ़ के दो लाख उद्यमों को 5000 करोड़ की मदद मिली। पहले कभी किसी सरकार ने ठेले वालों की सुध नहीं ली। ठेले वाले को भारत सरकार अपना साथी समझती है। इनके लिए योजना बनाई। बिना गारंटी के  लोन दिया। छत्तीसगढ़ में 60 हजार से ज्यादा लाभार्थी हैं। यह पैसा गरीबों की जेब में पहुंचा। आयुष्मान कार्ड वितरण योजना शुरू हुई है। छत्तीसगढ़ के लोगों को स्वास्थ्य क्षेत्र में इसका लाभ मिलेगा। पिछड़े दलित आदिवासियों का जीवन बचाने में मदद मिलेगी। यह कार्ड दूसरे राज्य में भी काम आता है। भारत सरकार सेवा भाव से छत्तीसगढ़ के हर परिवार की सेवा करती रहेगी।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि भगवान राम और माता कौशल्या की धरती में प्रधानमंत्री जी और आप सभी का स्वागत है। प्रधानमंत्री जी और हम मिलते रहे और छत्तीसगढ़ के विकास के लिए मिलकर नीति आयोग में भी, निवास कार्यालय और कभी पत्राचार के माध्यम से हम लोग मांग करते रहे। उन मांगों को दोहराना नहीं चाहता। भूतल परिवहन मंत्री गडकरी जी से हम जितना मांगते हैं, उससे ज्यादा ही देते हैं। उनका स्वागत है। केंद्र राज्य संबंध के आधार पर केंद्र सरकार से मांगते रहेंगे। छत्तीसगढ़ विकास की गति में आगे बढ़े। राज्य में ज्यादा से ज्यादा राशि मिले। प्रधानमंत्री जी, केंद्रीय मंत्री और राज्यपाल जी को धन्यवाद देता हूं।
विशाखापट्टनम इकोनामिक कॉरिडोर के लोकार्पण अवसर पर केंद्रीय भूतल सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि रायपुर विशाखापट्टनम कॉरिडोर से इन दोनों शहरों के बीच 130 किलोमीटर की दूरी कम हो जाएगी। अंतागढ़ रायपुर रेल सेवा का शुभारंभ, सीधी कनेक्टिविटी, रायपुर खरियार रोड 130 किलोमीटर लाइन दोहरीकरण,
एलपीजी बॉटलिंग प्लांट की स्थापना से ऊर्जा नगरी से 1600000 ग्राहकों की आपूर्ति गैस आपूर्ति होगी। रोजगार के अवसर से निवासियों की जीवन शैली में वृद्धि होगी। उज्जवला योजना में योगदान देगा।
देश के गरीब से गरीब व्यक्ति को भी एहसास हुआ है कि देश के बड़े अस्पताल उसके लिए भी हैं। इसमें आयुष्मान योजना ने मुख्य भूमिका निभाई है। 5 करोड से अधिक उपचार प्रदान किए गए 65000 करोड़ से अधिक का खर्च किया गया है। छत्तीसगढ़ में 39.53 लाख लोगों का इलाज हुआ है। घर घर जाकर आयुष्मान कार्ड बनाए जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ में 7500000 आयुष्मान कार्ड वितरण का शुभारंभ किया जा रहा है। कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडविया, केंद्रीय राज्यमंत्री रेणुका सिंह, राज्यपाल हरिचंदन, उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव, पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल भी उपस्थित रहे।