
गोठान घोटाला आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से अब तक का सबसे बड़ा घोटाला – राजीव पांडेय
गोबर खरीद, खाद निर्माण मे हो रहा भारी भ्रष्टाचार – अरविंदर मुंडी
धमतरी । चलबो गोठान खोलबो पोल अभियान के अंतर्गत भाजपा के सभी बड़े नेता इस भीषण गर्मी मे इन दिनों गोठानों का निरीक्षण वहाँ की दुर्दशा को जनता के बीच लाने का काम कर रहे हैं । शनिवार को धमतरी विधानसभा के ग्राम कोलियारी, करेठा से लेकर ढीमर टुकुर तक 10 से अधिक गोठानों के दौरे पर गये भाजपा के धमतरी विधानसभा के प्रभारी राजीव पांडेय एवं सिहावा की पूर्व विधायक पिंकी शिवराज शाह के साथ जिले एवं मंडल के पदाधिकारियों ने गोठान की दशा पर आक्रोश एवं दुख व्यक्त किया । पूर्व विधायक पिंकी शिवराज शाह ने कहा कि अपने आपको किसान पुत्र बताने वाले छ्ग के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी के नाम से लोक लुभावन योजना जब प्रदेश मे शुरू की तो ग्रामीणों को ये लगा कि अपने ही बीच का माटीपुत्र किसान का बेटा प्रदेश का राजपाट संभाल रहा है । गाँव गाँव मे गोठान बना कर आम जनता को बड़े बड़े सपने दिखाये । सरकार अब अपने कार्यकाल के अंतिम चरण मे है, राज्य की जनता पग पग पर खुद को ठगा हुआ महसूस कर रही है ।
मनरेगा, डीएमएफ फंड तथा केंद्र सरकार के 14 वें एवं 15 वें वित्त की राशि जिसका उपयोग गाँवों मे मूलभूत सुविधाओं के विकास के लिए किया जाता है उन पैसों मे से करोड़ों रुपये का दुरूपयोग जबरन मद परिवर्तन कर गोठानों मे किया गया जिसके चलते गाँवों मे विकास के सारे कार्य रुक गये हैं । प्रत्येक गोठानों मे लगाए गये लाखों रुपयों का न तो जनहित मे कोई उपयोग हो रहा न ही गौमाता की कहीं कोई सेवा हो रही । सारा पैसा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया । विधानसभा प्रभारी राजीव पांडेय ने बताया कि सारे गोठान खाली पड़े हैं । गोठानों मे जहाँ 300 गायों को रखने का नियम है वहाँ गाय का नामो निशान तक देखने को नही मिलता जबकि सड़कों पर गौमाता को मरने के लिये छोड़ दिया जाता है । उनके चारा का पैसा, उनके रखरखाव के नाम से निकलने वाला प्रति गोठान प्रति माह 10 हजार रुपया बीच के दलालों की जेब मे जा रहा है । छत्तीसगढ़ का गोठान घोटाला आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से अब तक का सबसे बड़ा घोटाला है । जिला उपाध्यक्ष अरविंदर मुंडी, मंडल अध्यक्ष हेमंत चंद्राकर ने गोठानों मे गोबर खरीदी और खाद के निर्माण के काम की पोल खोलते हुए बताया कि गोठानों के लिए बनाई गयी समिति अदृश्य समिति है इनके सदस्यों को कभी किसी ने गोठान पर देखा नही है । हफ्ते या महीने मे 1-2 दिन भी गोबर खरीदी नही की जाती । बहुत से गोठानों पर तो कागजों मे ही गोबर खरीदी हो जाती है और भुगतान किसकी जेब मे जाता है उसका भी कोई अतापता नही होता । कंपोस्ट खाद का निर्माण और उसको खपाने मे लगी सरकारी मशीनरी का अपना एक अलग सिंडिकेट चल रहा है । आधे से अधिक मिट्टी और मुरुम मिले खाद किसानों को जबरन 300 रुपये प्रति बोरी के हिसाब से सरकार दबाव पूर्वक बेच रही है । 10 रुपये किलो मे बिकने वाले खाद मे से केवल 3 रुपये पूरी मेहनत करने वाली स्व सहायता समूह की महिलाओं को मिलता शेष बचे 7 रुपये का बंदरबांट हो जाता है । गोठान गौसेवा का स्थान नही बल्कि भ्रष्टाचार की स्थली बन गये हैं । गाँव के गरीब किसान खुद को बुरी तरह ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं । इस कार्यक्रम मे नेताओं के साथ मिश्री पटेल, प्रीतम साहू, दयाराम साहू, निरंजन साहू, आनंदस्वरूप मेश्राम, राजेंद्र साहेब, दयाराम सिन्हा, गोपाल साहू, गजेंद्र साहू, मधु, गीतेश्वरी, अमरीका बाई, लोकनाथ, सुभाष साहू, नरेश साहू, चेतन यदु, रामकुमार यादव, धन्नू जांगड़े, मनोहर सोनकर, अग्निवंशी सहित स्थानीय निवासी बड़ी संख्या मे सम्मिलित हुए ।