
पतंग उत्सव, मकर संक्रांति के दिन मनाया जाता है. यह त्योहार हर साल 14 या 15 जनवरी को मनाया जाता है. मकर संक्रांति को उत्तरायण के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन पतंग उड़ाने की परंपरा है. पतंग उड़ाने को शुभता और खुशी का प्रतीक माना जाता है l पतंग उड़ाने के साथ-साथ इस दिन दान भी किया जाता है l
धमतरी | श्री गुजराती समाज धमतरी में पतंग उत्सव का आयोजन मकर संक्रांति के पावन पर्व पर किया गया l इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि समाज के वरिष्ठ लखमशी भाई भानुशाली थे l इस पतंग उत्सव पर समाज के बच्चों सहित वरिष्ठ लोगों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया l हर पतंग के कटने पर काई पो छे की आवाज गूंजने लगती थी l विशाल भाई त्रिवेदी ने लगभग 15 पतंग काटी पर साथ ही अपनी दो पतंग कटवाई भी l
इस पुरे पतंग उत्सव मे समाज के सभी बड़े एवं बच्चो ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया l इस कार्यक्रम मे समाज के वरिष्ठ लखमशी भाई भानुशाली, प्रकाश भाई गांधी, संतोष भाई शाह, महेंद्र भाई राजपुरिया हरि भाई कटारिया, नरेश भाई आथा, समाज के अध्यक्ष कीर्ति भाई शाह, सचिव संदीप राठौर, वीरेंद्र राठौड़,जगदीश मेहता, विशाल त्रिवेदी, किशोर भाई गंभीर, राकेश लोहाना, प्रतीक राजपुरिया, लोकेश राजपुरिया, राजा राठौड़, विशाल शाह, विशाल त्रिवेदी, मिहिर पटेल, ललित मानेक, भरत भानुशाली, दिलीप गांधी, भावेश अंबानी, केतन रायचुरा, कमलेश सोनी, नीतू त्रिवेदी, शांति बेन दामा, कल्पना आथा, कनक शाह सहित गुजराती समाज के सदस्य उपस्थित थे l