आत्मा में लगे भावरूपी रोग की औषधि है पर्युषण पर्व – डॉ श्री बिंदुप्रभा जी म.सा.

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धमतरी | सिहावा चौक स्थित  जैन स्थानक भवन में महासती डॉ श्री बिंदुप्रभा जी म.सा. ठाणा 2 द्वारा मंगल प्रवचन दिया जा रहा है। जिसके तहत आज उन्होने कहा कि महान मंगलकारी पर्युषण पर्व कल्याण की कुंकुम पत्रिका लेकर हमारे यहाँ आया है हमे दिव्य संदेश पर्व पर्युषण देता है। अनादिकाल से आत्मा में लगे भावरूपी रोग की औषधि पर्युषण पर्व है। जब योग्य औषधि के सेवन के साथ पथ्यापथ्य की जानकारी हो तथा उसी के अनुसार आचरण किया जाये तो रोग का अंत आ जाता है। साध्वी ने बताया हमे आभयन्तर रोग मिटाना है यदि विषय कषाय का अंत आ जाये तो भव रोग से अवश्य वियोग हो जाये। साध्वी डॉ. बिन्दुप्रभा ने कहा आत्मा का भवरोग दूर करने के लिए भाव औषधि समान पर्व की आराधना द्वारा अनंत भव रोगी अपने रोग का निवारण कर शाशवत सुखानुभूति प्राप्त कर रहे हैं वैसे हम भी प्राप्त करे जिससे भवभ्रमण मिट सकता है। सामूहिक एकाशना की व्यवस्था वर्धमान स्थानक संघ द्वारा रोजाना कराई जा रही है। जिसके लाभार्थी परिवार रतनलाल राजेश कुमार साखला, रतनलाल गौतमचंद श्रीश्रीमाल, रिखभचंद बंसत कुमार ओस्तवाल, प्रेमचंद लुंकड़ परिवार, मनसुख लाल लालचंद धर्मेन्द्र नरेन्द्र लोढ़ा परिवार, भवंरलाल तिलोकचंद पिंचा, प्रकाशचंद रोहित कुमार रायसोनी है। 12 घंटे नवकार तप लगातार जारी है। जिसके लाभार्थी डायरेन्द्र गोलछा है। प्रतियोगिता के दौरान  क्षमापाना कार्ड, पोस्टकार्ड साईज का जिसने भी भाग लिया है वे आज श्रीमती मीना लुंकड के पास जमा करें। अंतगड़ सूत्र का प्रश्नपत्र 30 अगस्त को प्रवचन के बाद 11 बजे तक श्रीमती गौरी लोढ़ा के पास जमा करें। तेले का क्रम निरतंर जारी है। आज श्रीमती रेखा छाजेड़ 7, श्रीमती नीलम बैद 6, श्रीमती सुनीता भंसाली 6, श्रीमती भौरी बाई चौरडिय़ा 6, श्रीमती पलक मोहित पोगलिया ने 6 उपवास का प्रत्याख्यान लिया। लाभार्थी परिवार का अभिनदन एवं सम्मान मदन लाल अविनाश कुमार चौरडिय़ा परिवार द्वारा किया जा रहा है। प्रवचन का श्रवण करने बड़ी संख्या में जैन समाजजन उपस्थित रहे।