
मीसाबंदियों को महापौर रामू रोहरा ने किया सम्मानित, कार्यक्रम में दिखाई गई भावुक कर देने वाली लघु फिल्म
धमतरी l धमतरी जिला प्रशासन द्वारा आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में एक विशेष सम्मान समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर 1975 में आपातकाल के दौरान मीसा (MISA) कानून के तहत जेल गए लोकतंत्र रक्षकों और उनके परिजनों को सम्मानित किया गया।
महापौर श्री रामू रोहरा और प्रशासनिक अधिकारियों ने मीसाबंदियों को पुष्पगुच्छ, शॉल और स्मृति चिन्ह भेंट कर उनके संघर्ष को नमन किया।
✳️ महापौर ने कहा—”आपका साहस लोकतंत्र की प्रेरणा है”
समारोह को संबोधित करते हुए महापौर श्री रोहरा ने कहा:
“आपातकाल के उस अंधेरे दौर में जब देश की आवाज को दबाया जा रहा था, तब आप जैसे वीरों ने लोकतंत्र की मशाल जलाए रखी। यह सम्मान एक पीढ़ी की कुर्बानी को श्रद्धांजलि है।”
उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार ने मीसाबंदियों को सम्मानित कर लोकतांत्रिक मूल्यों को पुनर्स्थापित किया है।
लघु फिल्म ने छुआ दिल
कार्यक्रम में आपातकाल की पृष्ठभूमि पर आधारित एक लघु फिल्म भी प्रदर्शित की गई। फिल्म में मीसाबंदियों के संघर्ष और त्याग को दर्शाया गया, जिसे देखकर कई उपस्थितजनों की आंखें नम हो गईं।
मीसाबंदी श्री शिरोमणि राव घोरपड़े ने जब अपनी जेल यात्रा की आपबीती सुनाई, तो सभागार में सन्नाटा छा गया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार ढाई वर्षों तक उन्होंने जेल की यातनाएं सहीं लेकिन अपने लोकतांत्रिक मूल्यों से कभी समझौता नहीं किया।
सम्मानित मीसाबंदी
इस मौके पर जिन लोकतंत्र रक्षकों को सम्मानित किया गया, उनमें प्रमुख हैं:
- रामू लखनलाल पथिक
- विद्यावती मिश्रा
- रेणुका मिश्रा
- राधाबाई ध्रुव
- झूलबाई सोनी
- राधा चंद्राकर
सहित कई अन्य मीसाबंदी और उनके परिजन।
उपस्थित गणमान्य
इस सम्मान समारोह में अपर कलेक्टर श्रीमती रीता यादव, जनप्रतिनिधि, सामाजिक संगठनों के सदस्य और जिले भर से आए मीसाबंदी व उनके परिजन उपस्थित रहे।
सम्पादकीय टिप्पणी:
यह आयोजन केवल एक सम्मान समारोह नहीं, बल्कि उस चेतना का पुनर्स्मरण है जिसने भारत को लोकतंत्र बनाए रखा। नई पीढ़ी को चाहिए कि वे इन संघर्षों से सीखें और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा में सदैव सजग रहे l