
धमतरी | सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई), महिला उद्यमियों, स्व-सहायता समूहों (एसएचजी) एवं पारंपरिक कारीगरों को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने तथा उनके उत्पादों की बाजार पहुँच को राष्ट्रीय स्तर तक विस्तार देने के उद्देश्य से आज जिला पंचायत सभा कक्ष, धमतरी में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला भारत सरकार की रैम्प (Raising and Accelerating MSME Performance) योजना के अंतर्गत “ई-मार्केटप्लेस एवं डिजिटल मार्केटिंग के माध्यम से बाजार पहुँच विकास” विषय पर आयोजित की गई।
कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन से हुआ। इस अवसर पर गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (जेम), रायपुर के वरिष्ठ सहायक निदेशक श्री राकेश तिवारी ने उपस्थित प्रतिभागियों को सरकारी खरीद पोर्टल GeM पर पंजीकरण की प्रक्रिया, निविदाओं में भागीदारी, उत्पाद कैटलॉग निर्माण, लॉजिस्टिक्स सपोर्ट, ऑनलाइन भुगतान प्रणाली एवं एमएसएमई इकाइयों को मिलने वाले विशेष लाभों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि “जेम प्लेटफार्म पर पंजीकरण कर उद्यमी सीधे सरकारी विभागों को अपने उत्पाद बेच सकते हैं, जिससे पारदर्शिता और बाजार की संभावनाएँ दोनों बढ़ती हैं। जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र (डीटीआईसी) धमतरी के महाप्रबंधक श्री प्रशांत चंद्राकर ने रैम्प योजना की रूपरेखा एवं राज्य में संचालित गतिविधियों की जानकारी देते हुए कहा कि स्थानीय उत्पादों को डिजिटल मार्केटिंग प्लेटफॉर्म और बिजनेस डेवलपमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स (BDSPS) से जोड़ने से उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई जा सकती है। उन्होंने बताया कि योजना के तहत उद्यमिता जागरूकता, निर्यात प्रशिक्षण, वित्तीय पहुँच, गुणवत्ता प्रमाणन, तकनीकी सुधार एवं विपणन सशक्तिकरण जैसी गतिविधियाँ निरंतर चलाई जा रही हैं। इस अवसर पर मनोज लारिया, वरिष्ठ कोषालय अधिकारी, चन्दन टंडन, लेखा अधिकारी, विमल साहू, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग, एवं श्री जगमोहन एक्का, प्रबंधक, जिला उद्योग केंद्र उपस्थित रहे। कार्यक्रम में कुल 88 प्रतिभागियों ने सहभागिता की, जिनमें महिला उद्यमी, स्व-सहायता समूह की सदस्याएँ, पारंपरिक कारीगर, स्थानीय एमएसएमई प्रतिनिधि एवं विभिन्न शासकीय विभागों के अधिकारी शामिल थे। कार्यशाला के अंत में उद्यमियों द्वारा जेम पोर्टल, डिजिटल भुगतान, विपणन रणनीति एवं सरकारी योजनाओं से संबंधित प्रश्न पूछे गए, जिनके समाधान विशेषज्ञों द्वारा दिए गए। कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ किया गया।