
1 और 2 अगस्त को खैरागढ़ में होगा 2 दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार, देश के ख्यातिनाम विश्वविद्यालयों के प्रोफेसर, पीएचडी स्कॉलर होंगे शामिल
धमतरी | भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद दिल्ली एवं इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ के संयुक्त तत्वाधान में 2 दिवसीय जनजातीय गौरव राष्ट्रीय संगोष्ठी 1 एवं 2 अगस्त को खैरागढ़ विश्वविद्यालय में आयोजित है। इस संगोष्ठी में 40 से अधिक टॉपिक्स पर देश के अलग अलग हिस्सों से चयनित किए गए वक्ता अपनी बात रखेंगे। इस कार्यक्रम में वक्ताओं के द्वारा आदिवासियों की कला, संस्कृति, स्वतंत्रता आंदोलनों में उनके योगदान पर प्रकाश डाला जायेगा। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे आदिवासी बहुल राज्यों में जनजातीय वर्ग का गौरवशाली इतिहास रहा है। उनकी कला, उनकी संस्कृति उनकी प्राचीन परंपराओं की प्रमुख भूमिका औपनिवेशिक विरोध आंदोलनों में रही है। जेसिंटा केरकेट्टा, बिरसा मुंडा, तंत्या भील जैसे क्रांतिकारियों के योगदान, आदिवासी जीवन का प्रकृति के साथ संबंध, आदिवासी समाज का सांस्कृतिक अनुशीलन, प्रतिरोध आंदोलनों में आदिवासी महिलाओं की भूमिका, आदिवासी नायकों का जीवन और विरासत, छत्तीसगढ़ के महानायक शहीद ठाकुर वीर नारायण सिंह, जनजाति के लोकनायक बिरसा मुंडा, राजा शमशेर सिंह पारधी, प्रतिरोध के स्वर एवं महिला आदिवासी लेखन, हिंदी सिनेमा में प्रदर्शित आदिवासी छबि, मध्य प्रदेश के गोंड जनजातियों के शिल्पकला का संरक्षण, बस्तर विद्रोह, झारखंड में आदिवासी शिक्षा का रूपांतरण, भारतीय आदिवासी कला की राष्ट्रीय आंदोलनों में भूमिका इत्यादि विषयों पर दिल्ली विश्वविद्यालय, काशी हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी, जामिया मीलिया, लखनऊ विश्वविद्यालय सहित देश के ख्यातनाम विश्वविद्यालयों तथा छत्तीसगढ़ के सभी प्रमुख विश्वविद्यालयों के प्रोफेसर, रिसर्च स्कॉलर, शोधकर्ता और विषय विशेषज्ञ इस संगोष्ठी में हिस्सा लेंगे। धमतरी नगर के लिए गर्व की बात है कि नगर की बेटी देशना कविंद्र जैन इस संगोष्ठी में हिस्सा लेगी। कुमारी देशना जैन भारतीय जनजातीय कला और उसकी भारतीय राष्ट्रीय आंदोलनों में भूमिका विषय पर अपनी बात रखेगी। गौरतलब है कि कुमारी देशना जैन भारतीय विरासत संस्थान नई दिल्ली में हिस्ट्री ऑफ आर्ट्स विषय की छात्रा है। कुमारी देशना जैन वयोवृद्ध भाजपा नेता गजराज जैन की सुपौत्री एवं धमतरी जिला भाजपा के उपाध्यक्ष कविंद्र जैन की सुपुत्री है।