
धमतरी | बी सी एस शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, धमतरी के प्राचार्य डॉ विनोद कुमार पाठक के मार्गदर्शन एवं एनएसएस तथा एनसीसी के संयुक्त तत्वावधान में वीर बाल दिवस का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि सरदार जगजीवन सिंह सिंध, विशिष्ट अतिथि सरदार जसपाल सिंह छाबड़ा, सरदार जितेन्द्र सिंह खालसा,सरदार ज्ञानी अरूणदीप सिंह एवं सरदार ज्ञानी विजय सिंह रहे। कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती के समक्ष दीपप्रज्जवलन कर की गई। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर विनोद कुमार पाठक ने कार्यक्रम की भूमिका रखते हुये उद्बोधित किया कि गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे पुत्रों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह की अद्वितीय बहादुरी और बलिदान की याद में, 26 दिसंबर को प्रतिवर्ष वीर बल दिवस मनाया जाता है। कम उम्र में ही इन युवा आत्माओं ने अपने धर्म को त्यागने के बजाय शहादत को चुना, और अद्वितीय साहस और दृढ़ता का परिचय दिया। सभी पीढ़ियों के लाखों लोग आज भी उनके विश्वासों और आदर्शों को कायम रख कर उनके साहस से प्रेरित होते हैं। सरदार जसपाल सिंह छाबड़ा ने अपने वक्तव्य में बताया कि गुरु गोबिंद सिंह के युवा साहिबजादों की श्रद्धांजलि के रूप में मनाया जाता है, जिनकी बहादुरी और शहादत भारत के संघर्ष के इतिहास में अंकित है ,जन्म नही लेते ऐसे शेर पुत्र बार बार। साहिबजादों की शहादत अद्वितीय साहस की कहानी है। सरदार ज्ञानी अरूणदीप सिंह ने अपने वक्तव्य में बताया गुरु गोबिंद सिंह जी के दोनों बड़े पुत्रों ने मुगलों से जंग लड़ी थी जिसमें वे शहीद हो गए. दो छोटे बेटों को मुगलों ने दीवार में जिंदा चुनवा दिया था वे अपने धर्म को त्यागने से इनकार करने के कारण शहीद हो गए। इस दिन को गुरु गोबिंद सिंह जी के पुत्रों के बलिदान को याद करते हुए मनाया जाता है।
डा अजय कुमार सिंह ने अपने उद्बोधन में बताया कि यह दिन हमें युवाओं की शक्ति, लचीलेपन तथा समाज में महत्वपूर्ण योगदान देने की उनकी क्षमता की याद दिलाता है। यह दिन अतीत को याद करने और वर्तमान तथा भविष्य के लिए प्रेरणा लेने का है। सिक्ख बालक बालिकाओ ने अपने विचार प्रकट किये जिसमें मनवीर कौर ने चारों साहिबजादों के साहसिक जीवनकाल का परिचय बताया, इसप्रित कौर ने काव्यशैली में अमर कथा का वाचन किया तथा जशनदीप सिंह ने शहादत की दास्तान को कविता के माध्यम से प्रस्तुत किया। महाविद्यालय के इतिहास विभाग से एम ए चतुर्थ सेमेस्टर के छात्र गुरूजोत सिंह खालसा ने पीपीटी के माध्यम से गुरू गोबिंद सिंह के परिवार की 21 से 27 दिसम्बर तक के घटनाक्रम को सभी के समक्ष प्रस्तुत किया। इस कार्यक्रम का मंच संचालन आकांक्षा मरकाम एवं अपना अमूल्य समय प्रदान करने अतिथियों का आभार व्यक्त डा सरला द्विवेदी सहायक प्राध्यापक के द्वारा किया गया। उक्त दिवस पर श्री भीखमचंद, श्री किशोर चेलक, श्री गोविंद प्रसाद, श्रीमती पल्लवी सेन, श्रीमती दीपा साहू, श्री दिनेश्वर सलाम, आकांक्षा मरकाम , एनएसएस स्वयंसेवक संदीप, परमानंद, दिगंत, दोमेन्द्री, गौरा, महिमा, रूद्राणी, पियूष एनसीसी कैडेट्स वारूणी, फिरोज, लक्की, इन्द्रेश, चन्द्रकला, तुषार, सागर तथा अन्य महाविद्यालयीन विद्यार्थीगण उपस्थित रहे।