वोट को एकजुट करने समाज का प्रत्याशी खड़ा करने की बैठक में मांग उठी

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वोट को एकजुट करने समाज का प्रत्याशी खड़ा करने की बैठक में मांग उठी

वादा खिलाफी से मछुआरा समुदाय बेहद आक्रोशित

धमतरी। मछुआरा मांझी समुदाय के अंतर्गत आने वाले धीवर निषाद केंवट कहार, मल्लाह भोई आदि समानार्थी जनजातियों को वर्ष 1950 तक अनुसूचित जनजाति वर्ग में रखा गया था । जो कि राजपत्रों में प्रमाणित है । 1950 के बाद षड़यंत्रपूर्वक मछुआरा समुदाय के समस्त जनजातियों को अन्य पिछड़ा वर्ग की श्रेणी में डाल कर आरक्षण से वंचित कर दिया गया जिसकी पुनः बहाली के लिए विगत 75 सालों से मछुआरा समुदाय संघर्षरत है । राजनीतिक दलों द्वारा बार बार झूठा आश्वासन देकर समाज का वोट लिया गया एवं लगातार वादाखिलाफी किया गया जिससे छत्तीसगढ़ प्रदेश के 35 लाख मछुआरा समाज में बेहद आक्रोश व्याप्त हो गया है ।

आरक्षण की पुनः बहाली के लिए छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में लगातार धरना प्रदर्शन किया गया लेकिन राजनीतिक दल उदासीन बने हुए हैं । समाज की जायज मांग को किसी पार्टी ने विधानसभा एवं सांसद में लाखों जन्मजात मछुआरा समाज की मांग को नहीं उठाया गया । समाज को वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किया गया। अब मछुआरा समुदाय जागृत एवं एकजुट हो गया है किसी भी राजनीतिक दल के बहकावे में नहीं आने वाला है । राजनीतिक दलों के वादा खिलाफी के विरुद्ध अपना आक्रोश दिखाने के लिए 5 अक्टूबर को धमतरी के गांधी मैदान में प्रदेश स्तरीय विशाल धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया है । इस आयोजन को सफल बनाने के लिए गांव-गांव में धीवर निषाद समाज की बैठकर हो रही है । युवाओं एवं महिलाओं की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है । इस धरना प्रदर्शन की संपूर्ण तैयारी के लिए 1 अक्टूबर को शीतला माता मंदिर में मछुआरा समुदायों के संयुक्त समिति की बैठक आयोजित किया गया जिसमें प्रदर्शन को सफल बनाने के लिए कार्य योजना बनाई गई । बैठक में युवाओं द्वारा अपने समाज का स्वयं का प्रत्याशी खड़ा करने की जोरदार ढंग से मांग की गई । युवाओं का मत है कि दोनों राष्ट्रीय दलों ने हमें आज तक उचित सम्मान नहीं दिया है अब हम इन दलों को अपना कीमती वोट नहीं देंगे अब हमारा वोट केवल समाज के प्रत्याशी को दिया जाएगा परिणाम चाहे कुछ भी हो ।हमारे समाज के वोटो को बिखरने नहीं दिया जाएगा। धरना प्रदर्शन के दौरान भारत के राष्ट्रपति महामहिम द्रौपदी मुर्मू, यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, छत्तीसगढ़ के राज्यपाल एवं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री को भी कलेक्टर जिला धमतरी के माध्यम से ज्ञापन प्रेषित कर मछुआरों की पीड़ा से अवगत करवाकर शीघ्र न्याय दिलाने की मांग किया जावेगा ।छ.ग.के माननीय राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री को छत्तीसगढ़ की मछुआ नीति में व्याप्त ठेकेदारी नीलामी प्रथा को बंद करने, दोहरा आडिट के नियम को समाप्त करने और प्रदेश के समस्त जल क्षेत्रों को जन्मजात मछुआरा समुदायों के लिए आरक्षित करने की मांग किया जावेगा । भूमिहीन मत्स्यपालकों को तालाब खनन हेतु भूमि निशुल्क उपलब्ध कराई जाए । नीट, मात्स्यिकी महाविद्यालयों, इंजीनियरिंग जेई एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु जन्मजात मछुआरा समाज की आबादी के अनुपात में सीट आरक्षित किया जाए, जन्मजात मछुआरा प्रमाण पत्र जारी करने हेतु सक्षम अधिकारी को स्पष्ट निर्देश जारी किया जाए । साथ ही छत्तीसगढ़ के शिक्षित युवाओं महिलाओं को शासकीय नौकरी एवं शिक्षा में आरक्षण का लाभ तत्काल देने की मांग की गई है। बैठक में परमेश्वर फूटान प्रदेश संरक्षक धीवर समाज, भोलाराम निषाद संरक्षक, नर्मदा प्रसाद जगबेड़हा अध्यक्ष धीवर समाज धमतरी, नारायण निषाद सचिव, भुवनलाल धीवर सांकरा, चंदूलाल निषाद जिला अध्यक्ष निषाद समाज, हरकनाथ उपाध्यक्ष, द्वारका निषाद, संगीता निषाद, सेवती निषाद, मधु निषाद, द्रौपदी निषाद, ऋषि राम तारक कोषाध्यक्ष, पंचराम धीवर , नानकराम निषाद, प्रकाश धीवर, अध्यक्ष कुरुद परगना, मोतीलाल हिरवानी पूर्व अध्यक्ष आमदी परगना, सोनूराम नाग, सोहन धीवर, कृष्णा चंपालाल हिरवानी, भगवानदीन मछिंद्र, मोहनलाल, श्यामलाल, बिसाहू राम, नारायण मत्स्यपाल सांकरा, चमनलाल,लीलाराम ओम प्रकाश निषाद कुमार निषाद, एवं सुरेश कुमार निषाद, मोहित तारक, राम निषाद, अनिल कुमार निषाद, दिलीप धरमगुड़ी, यशवंत कोसरिया अध्यक्ष प्राथमिक मत्स्य सहकारी समिति धमतरी, राजकुमार फूटान, दुर्गेश रिगरी, तीरथ फूटान, नारायण निषाद, डॉ.सुनील निषाद, सोहन धीवर, ज्ञान लाल धीवर, थानेंद्र कुमार तारक, सत्यजीत तारक अभिमन्यु निषाद, चंद्रहास तारक, लक्ष्मण निषाद, त्रिलोक मत्स्यपाल, मुकेश धीवर, भोजेश्वर निषाद, विष्णु प्रसाद निषाद, अध्यक्ष कर्मचारी प्रकोष्ठ,धर्मेंद्र तारक, ध्रुव कुमार, शंकरराम निषाद, सहित बड़ी संख्या में मछुआरा समाज के पदाधिकारी एवं सदस्य गण उपस्थित हुए तथा एक स्वर से धरना प्रदर्शन को सफल बनाने का संकल्प लिया।