नगर पंचायत में भाजपाइयों ने विकास रोका,नियम विरुद्ध कार्य कराने अधिकारियो पर दबाव बनाना बीजेपी की फितरत

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नगरी | नगर पंचायत नगरी में विगत 15 वर्षों से भाजपा की सत्ता है और यहां भाजपा के द्वारा अपनी ही सरकार के खिलाफ किया गया नगर पंचायत का घेराव व धरना प्रदर्शन बेहद हास्यास्पद व अपनी नाकामियों को छुपाने का प्रयास है। छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार नगर के सर्वागीण विकास के लिए करोड़ों रुपयों की सौगात नगर पंचायत नगरी को दी है जिसका बेहतर क्रियान्वयन के लिए नगर पंचायत अध्यक्ष , उपाध्यक्ष व अन्य पदाधिकारी नकारा साबित हो रहे है। कमजोर नेतृत्व व दुरदर्शिता की कमी के चलते नगर विकास की गति काफी धीमी और कमजोर है। पार्षद व नेता प्रतिपक्ष सोहन चतुर्वेदी,सुनीता निर्मलकर, जियाउद्दीन रिजवी,टीकू ध्रुव, प्रफुल्ल अमतिया,जितेंद्र ध्रुव, एल्डरमेन भरत निर्मलकर, पेमन स्वर्णबेर, नरेश छेदेहा,विधायक प्रतिनिधि रुद्र प्रताप नाग ने कहा है कि भाजपा शासित नगर पंचायत को घेरकर भाजपा ने अपने ही नेतृत्व की किरकिरी कराई है। यहां के अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर जबरिया दबाव बनाया जा रहा है। नगर विकास की दिशा में इनके पास न योजना है न कोई दुरगामी सोच है। बीजेपी समर्थित ठेकेदारों को लाभ पहुचाने बार बार टेंडर निरस्त करवाये जा रहे हैं नगर के मार्गो का बीटी टैण्डर व करोड़ो रुपये के अनेक विकास कार्य नगर पंचायत के पदाधिकारियों में आपसी तालमेल के अभाव में कई बार निरस्त हो चुका है। जिसका खामियाजा नगरवासी भुगत रहे हैं। लोकप्रिय भुपेश सरकार की जनहितैषी योजनाओं को जानबूझकर अनदेखी की जा रही है जिससे हितग्राही इसका लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। पिछले एक वर्ष सेआवास योजना में लगभग 400 हितग्राहियों का नाम आया था जिसके भवन अनुज्ञा देने के लिए अध्यक्ष और उपाध्यक्ष व निर्माण विभाग में आपसी तालमेल में कमी व अपने परिचितों और अपात्र लोगो को पहले आवास दिलवाने के अनावश्यक दबाव के चलते पात्र आवास हितग्राहियों को भवन अनुज्ञा नही मिल पा रहा है यह प्रदेश की भुपेश सरकार को बदनाम करने की साजिश है।पौनी पसारी योजना,गोधन न्याय योजना ,राजीव गांधी कृषि भुमि हीन न्याय योजना ये सब भुपेश सरकार ने योजना लागु कर लोगों को संबल प्रदान किया है सिहावा विधायक डॉ लक्ष्मी ध्रुव के प्रयासों से बांधा तालाब का सौन्दर्यकरण हो रहा है।शीघ्र ही नगर में डिवाइडर मूर्त रूप लेगा।कांग्रेस पार्षदो व एल्डरमेन द्वारा नगर के विकास के लिये दिए जनहित के अनेक प्रस्ताव जैसे नगर घड़ी,राजा बाड़ा का सौन्दर्यकरण ,आदि कार्यो की अनदेखी की जा रही है।।शासन की महत्वाकांक्षी योजना गोठान के लिये स्वीकृति मिली हुई है इसे जानबूझकर नगर पंचायत में क्रियान्वयन,निर्माण नहीं किया जा रहा है। यह सब भूपेश सरकार के बदनाम करने भाजपा शाषित नगर पंचायत के पदाधिकारियों की साजिश है। एक बड़े भवन को एक होटल व्यवसाय के लिए औने-पौने में किराए से दिया गया है। जिसकी भी जांच होनी चाहिये।विगत 15 वर्षों से नगर पंचायत नगरी में भाजपा की सत्ता है इन 15 वर्षों में सिवाय भ्रष्टाचार के कुछ नहीं हुआ है अपात्र लोगो को आवास, टीन शेड,जे सी बी खरीदी में भ्रष्टाचार सहित विगत 15 वर्षों के कार्यों की निष्पक्ष जांच होती है तो कई रहस्योद्घाटन हो सकता है। यहां के सीएमओ 15 साल में कई बार बदल गए ।अब समझ में आता है कि इनका ट्रांसफर जल्दी-जल्दी क्यों होता है। भाजपा के नेतृत्व कर्ता अपने दबाव से उनसे अनर्गल काम करवाना चाहते हैं जब उनकी बातें अधिकारी नहीं मानते तो उनका ट्रांसफर करा दिया जाता है। जिससे नगर में विकास की गति नहीं पकड़ पाया । 15 वर्षों से नगर में हुए खर्च का ब्यौरा देखा जाए तो उतनी राशि में नगर अभी तक चहुंमुखी विकास की ओर आगे बढ़ गया होता। भाजपा का नगर पंचायत घेरने का तरीका ही गलत था। भाजपाई नगर पंचायत के सभाकक्ष में जबरिया घुंसकर बैठक करने लगे इससे नगर पंचायत की गरिमा को ठेस पहुचा।सीएमओ और इंजीनियर को बुला कर भला-बुरा कहना,चेतावनी देना अनर्गल कार्य कराने के लिये दबाव बनाना था।जिसे आम जनता समझ रही है। अध्यक्ष उपाध्यक्ष के कुर्सियो में पदाधिकारी को छोड़ अन्य भाजपा नेताओं का बैठना कदाचरण को दर्शाता है। क्या सभाकक्ष में धरना प्रदर्शन करने का अधिकार प्रदर्शन कारियों को है?भुपेश सरकार की बढ़ती लोकप्रियता व पुनः जनता द्वारा छत्तीसगढ़ की सत्ता में कांग्रेस को बैठाने की खबर से बौखलाई भाजपा की यह प्रदर्शन केवल हास्यास्पद है इससे उनके ही प्रतिनिधित्व पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है।।