
सार्वजनिक जीवन की सबसे बड़ी पूंजी है आपस का संबंध है जिसे मैंन आज पा लिया-: पं. राजेश शर्मा
अंतरात्मा की आवाज पर दिल से बनाया हुआ कार्यक्रम था सम्मान समारोह-: राजेंद्र शर्मा
धमतरी | समाज में सार्वजनिक धरातल पर अपने सेवाभावी कार्यों के कारण विशिष्ट पहचान रखने वाले वे लोग जिन्हें किसी कारणवश सम्मान नहीं मिल पाता था उन्हें सम्मान देकर इस शब्द को नई परिभाषा देने का कार्य सामाजिक सम्मान समारोह 2023 के माध्यम से शहर के समाजसेवी एवं धर्म प्रेमी पंडित राजेश शर्मा द्वारा राधा कृष्ण परिसर में किया गया जिसमें इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया के सभी पत्रकार बंधुओं, विकासखंड के ग्रामीण एवं शहरी मितानिने, ऐसे ही आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका है, एन.एम, विपरीत परिस्थितियों में घर घर समाचार पत्र पहुंचाने वाले क्षेत्र के सभी वितरक, धर्म ध्वजवाहक सभी विद्वतजन, श्रम की पूजा करने वाले हमारे श्रमिक भाई बहन, प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को सेवा देने वाले सभी प्रबंधक व प्रतिनिधि ,कोविड-19 काल में सेवा देने वाले कंप्यूटर ऑपरेटर, सहित हजारों लोगों का सम्मान प्राप्त करते हुए काफी भावनात्मक वातावरण का निर्माण कर दिया था गौरतलब है कि सम्मान का यह कार्यक्रम पूर्णता धार्मिक एवं सनातन कालीन पद्धति से आयोजित था जिसमें चरण पखारने पर मातृशक्तियों काफी भावुक हो गई थी।
सम्मानित जनों को संबोधित करते हुए आयोजक पंडित राजेश शर्मा ने कहां की मानव जीवन में धन, दौलत ,शोहरत के आगे कोई बड़ी चीज है तो वह आपस का संबंध है संबंध की दौलत को कोई चुनौती नहीं दे सकता सार्वजनिक जीवन में काम करते हुए आज मैंने इस सम्मान समारोह के माध्यम से एक ऐसी अनमोल दौलत प्राप्त की है जो मेरे जीवन की सबसे बड़ी पूंजी होगी आप सबके साथ आने वाले समय में भी यही संबंध की शाश्वतता हमेशा रहेगी इस बात को मैं विश्वास दिलाता हूं अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए श्री शर्मा ने कहा कि यह सम्मान समारोह नहीं बल्कि मेरे व्यक्तिगत जीवन की साधना आराधना व पूजा है आज के इस कार्यक्रम में जो भी अच्छा हुआ होगा वह उसका श्रेय पूरा आप सभी को जाता है और कहीं पर भी कुछ त्रुटि हो गई गलती हो गई तो उसके लिए मैं व्यक्तिगत रूप से क्षमा चाहता हूं। वही कार्यक्रम के संयोजक राजेंद्र शर्मा ने बताया कि इस आयोजन में कहीं भी दिमाग का कोई कार्य नहीं हुआ दिल से अंतरात्मा की आवाज पर इस समारोह के आयोजक पंडित राजेश शर्मा यह आयोजन किया है इसीलिए भारी-भरकम संख्या में आप सभी की उपस्थिति तथा आप सब की दुआ व आशीर्वाद आयोजन की सफलता की कहानी गढ़ रही है श्री शर्मा ने आगे कहा कि दुनिया में पैसे वाले बहुत होते हैं लेकिन आज का यह कार्यक्रम दिलवाले का है जो समाज के लिए प्रेरणादाई है।
रयचुली,झुला,रथ रहा आकर्षण का केंद्र समारोह स्थल पर आयोजक समिति द्वारा मातृ शक्तियों के लिए मनोरंजक वातावरण निर्माण हेतु प्राचीन समय से मेला एवं मंडई में लगने वाली रायचूली, झूला, रथ सहित अनेक सेल्फी प्वाइंट बनाए गए थे जो काफी आकर्षण का केंद्र रहा जिसका पूरे उमंग उल्लास व आनंद के साथ लुफ्त उठाते हुए सम्मानित जनों द्वारा देखा गया ।
डुबान से आए हुए लोगों ने कहा मायके का प्यार मिला शहर के सार्वजनिक धरातल पर पहली बार ऐसा हुआ की गंगरेल बांध बनने के बाद से हमारे क्षेत्र के अभिन्न अंग रहे डुबान के लोग अलग-थलग पड़ जाते हैं लेकिन इस समारोह के जरिए वहां पहुंचे सैकड़ों लोग एक दूसरे से जुड़ कर काफी खुशी महसूस कर रहे थे अनेक लोगों ने चर्चा में बताया कि पहली बार ऐसा हुआ कि हम सब एक साथ किसी कार्यक्रम में शामिल हुए आयोजक समिति के पंडित राजेश शर्मा सहित उनकी पूरी टीम का व्यवहार हमारे लिए अपने मायके जैसा रहा जिसके लिए हम हमेशा उनका आभारी रहेंगे।
शहर में बड़े कार्यक्रम आयोजन का पर्याय बने पंडित राजेश शर्मा, सम्मान समारोह के आयोजन की खबर से आम जनमानस में कौतूहल का विषय बना रहा लेकिन कार्यक्रम के आयोजित होने के साथ ही सभी बातें सामने आ गई और शहर के प्रबुद्ध जन आम नागरिक तथा जनता ने यह कहा कि वास्तव में धमतरी के सार्वजनिक आयोजनों में आज का आयोजन की सफलतापूर्वक कड़ी और जुड़ गए पहले पंडित शर्मा द्वारा किया गया अनेक धार्मिक एवं सामाजिक आयोजन के कारण लोग उन्हें बड़े आयोजनों के पर्याय के रूप में देखने लगे हैं।
मां के स्वर्गवास होने के बावजूद पहुंची मितानीन
आपके सम्मान समारोह से तीन दिवस पर शहर के एक मितानीन प्रेक्षक की माता जी का स्वर्गवास हो गया था इसे आज सुबह कार्यक्रम के संयोजक राजेंद्र शर्मा द्वारा फोन किए जाने पर वह स्वयं भाव भरे आमंत्रण को स्वीकार न कर सके और कार्यक्रम में संयोजित होकर सेवा का धर्म ही नहीं निभाई बल्कि आयोजकों के कार्यक्रम में की सफलता पर मुहर लगा दी जिसे आयोजक राजेश शर्मा सम्मानित करते हुए रूधे स्वर से कहा कि मैं इस क्षण को जीवन भर नहीं भूल पाऊंगा आज मैं धन्य हो गया ऐसी बहन को सम्मानित करते हुए।