
जैन स्थानक भवन में चातुर्मास के तहत प्रवचन जारी, पर्यूषण पर्व के प्रथम दिन प्रवचन सुनने उमड़ी समाजजनों की भीड़
धमतरी सिहावा चौक स्थित जैन स्थानक भवन में महासती डॉ श्री बिंदुप्रभा जी म.सा. ठाणा 2 द्वारा मंगल प्रवचन दिया जा रहा है। जिसके तहत आज उन्होने कहा कि पर्यूषण पर्व का आज शुभारंभ हो चुका है। पर्यूषण पर्व के भी 8 दिन होते हैं। अंतगढ़ सूत्र का वाचन किया जाता है जिसमें भी 8 वर्ग होते हैं। इन्हीं 8 दिनों में हमें अपने 8 कर्मों की निर्जरा करनी है और कसायों को कम करना है। साथ साथ ही पर्यूषण पर्व को आराधना दिवस बताते हुए कहा कि आराधना का अर्थ होता है कि अ से आज्ञा का पालन करना, र से राग-द्वेष का त्याग, ध से धर्म और अनुराग, न से नाम कमाने की इच्छा से दूर रहना है। इस प्रकार हमें इस आराधना पर्व को मनाना है। अंतगढ़ सूत्र के माध्यम से तीन वर्ग का अध्ययन का वर्णन उन्होंने किया है। सभी पर्वों में सर्वश्रेष्ठ पर्यूषण पर्व है।
सभी 16 सतियों में सर्वश्रेष्ठ सती राजीमती को आगमों में बताया गया है। सभी आगमों में सर्वश्रेष्ठ भगवती सूत्र है। इसी प्रकार सभी तपों में श्रेष्ठ ब्रम्हचर्य तप है। इसी प्रकार पर्यूषण पर्व में दान की महत्ता बताते हुए साध्वी ने कहा कि प्रमुख रूप से दो दान होते हैं अभय दान और सुपात्र दान। इसके द्वारा हम अपने कर्मों की निर्जरा कर सकते हैं। पर्यूषण महापर्व के उपलक्ष्य में आज की प्रभावना मदनलाल अविनाश कुमार चौरडिय़ा परिवार द्वारा दी गई। सामूहिक एकासना वर्धमान स्थानकवासी संघ द्वारा कराया जा रहा है। साथ ही साथ तेले का क्रम भी निरंतर जारी है और तेले का प्रत्याख्यान भी लिए जा रहे हैं। आज तेले की कड़ी में प्रेमचंद मिन्नी ने बेले का प्रत्याख्यान लिया। पर्यूषण पर्व में भिन्न भिन्न प्रतियोगिताएं हो रही हैं। आज व्याख्यान के पश्चात आध्यत्मिक टीवी प्रतियोगिता हुई। दोपहर को महासती जी बिंदुप्रभा द्वारा कल्पसूत्र का वाचन के पश्चात स्मरण शक्ति प्रतियोगिता हुई। पर्यूषण पर्व अंतर्गत क्षमायाचना कार्ड बनाकर 29 अगस्त के भीतर जमा करना है। अंतगढ़ पत्र भी दिये जाएंगे जिसे घर से हल कर वंदना चौरडिय़ा के पास जमा कराना है। प्रवचन का श्रवण करने बड़ी संख्या में जैन समाजजन उपस्थित रहे |