
राज्य सरकार और निगम की अकर्मण्यता व्यवस्थापन कार्य मे बाधक – कविन्द्र जैन
केंद्र सरकार ने रेल लाइन भी दिया और प्रधानमंत्री आवास भी परंतु राज्य सरकार बन रही विकास कार्य मे बाधा
धमतरी | भारतीय जनता पार्टी जिला संगठन की ओर से जिलाध्यक्ष ठाकुर शशि पवार एवं जिला महामंत्री कविन्द्र जैन ने विज्ञप्ति जारी करते हुये कहा कि धमतरी वासियों के लिये हर्ष की बात है कि बड़ी रेल लाइन के काम तेजी से गति पकड़ रहा है। आने वाले दिनों में बड़ी रेल लाइन का हमारा वर्षों पूरा सपना पूरा होने को है। इस हेतु केंद्र की भाजपा सरकार की ओर से निर्माण कार्य के लिये भी राशि जारी की गई है और मुआवजा हेतु भी राशि जारी कर दी गयी है।
स्टेशनपारा में वर्षों से काबिज सैकड़ों गरीब परिवार के सर से छत न छीन जाए इसके लिये पिछले कार्यकाल में ही उनके व्यवस्थापन की योजना बनाकर कार्य शुरू कर दिया गया था। सभी प्रभावित परिवारों को प्रधानमंत्री आवास के तहत मकान बनाकर वहां व्यवस्थापित करने की योजना बनाई गई थी। वर्तमान में निगम में काबिज कांग्रेस सरकार की अकर्मण्यता और लापरवाही के चलते प्रधानमंत्री आवास का काम समय पर पूरा नही हो सका है। गौरतलब है कि बड़ी रेल लाइन केवल धमतरी नगर ही नही अपितु पूरे क्षेत्र के विकास के लिये अत्यंत आवश्यक है और पिछली सरकारों ने दशकों तक धमतरी की जनता को छलने का कार्य किया था। यहाँ तक कि सर्वे का शिलान्यास कर लोगों को भ्रम में रखने का कार्य केंद्र में बैठी कांग्रेस की सरकार ने किया। जब पूर्ण बहुमत के साथ केंद्र में भाजपा की सरकार आयी तो क्षेत्रवासियों का बड़ी लाइन का दशकों पुराना सपना साकार होते दिखा। केंद्र सरकार ने इसके लिये लगभग 600 करोड़ की राशि स्वीकृत की।
इसमे यहां के संवेदनशील मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह, केबिनेट मंत्री अजय चंद्राकर सहित पूर्व एवं वर्तमान क्षेत्रीय सांसदों का भी बहुमूल्य योगदान रहा। रेलवे ने जिनकी जमीन अधिग्रहित की उनको मुआवजा भी केंद्र सरकार ने दिया। जो लोग वहां वर्षों से काबिज थे उनके जीवनयापन के लिये केंद्र सरकार की ही योजना से प्रधानमंत्री आवास बना कर उन्हें वहां व्यवस्थापित करने की योजना पूर्व महापौर श्रीमती अर्चना चौबे के समय बनाई गई और उस पर शीघ्रता से काम भी प्रारंभ कर दिया गया। राज्य सरकार का इस पूरे कार्य मे न्यूनतम योगदान रहा। बड़ी रेल लाइन के निर्माण की बात हो या अधिग्रहित जमीनों के मुआवजे की बात हो या फिर काबिज परिवारों के व्यवस्थापन के लिये आवास की बात हो केंद्र सरकार सभी कार्य के लिये मुक्तहस्त से पैसा भेजा परंतु राज्य की विकास विरोधी कांग्रेस सरकार हो या निगम में बैठी कांग्रेस सरकार हो दोनो की लापरवाही, असंवेदनशीलता के चलते आज सैकड़ों परिवारों को व्यवस्थापन को लेकर सड़कों पर उतरना पड़ रहा है। इससे न सिर्फ बड़ी रेल लाइन का कार्य प्रभावित हो रहा है अपितु इस भीषण गर्मी में गरीब परिवारों के सर से छत चली जाने का खतरा भी सताने लगा है। इस समस्या के लिये छग की कांग्रेस सरकार, निगम में सत्ता पर बैठे कांग्रेस के जनप्रतिनिधि एवं कांग्रेस के बड़े नेता पूरी तरह जिम्मेदार हैं और अपनी नाकामी का ठीकरा सांसद और विधायक पर फोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। ये जिम्मेदारी पूरी तरह से उनकी है कि रेलवे का कार्य निर्बाध रूप से आगे बढ़े और प्रभावितों को अविलंब व्यवस्थापित किया जाए।