पूर्व पार्षद ने गौरा-गौरी पूजा-अर्चना कर निभाई रस्म,कोरोनो से लडने दिया जागरूकता का संदेश

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धमतरी | दीपावली के अवसर पर लक्ष्मी पूजा के पश्चात रात में ही गौरी गौरा के रूप में भगवान शंकर व माता पार्वती की पूजा अर्चना करने का रिवाज का प्रचलन पुरातन काल से चला आ रहा है जिसमे विशेष रुप से उक्त पूजा को संपन्न करने के लिए आदिवासी समाज माध्यम बनता है लेकिन समय के साथ-साथ छत्तीसगढ़ के प्रत्येक वर्ग के लोगों में सारे विभेदो की खाई कोजिसमे ऊंच-नीच ,गरीब -अमीर ,जात- पात को पाटतेतो हुए सभी लोग अपनी आस्था और श्रद्धा का सैलाब उमडने का दृश्यांकन गौरी- गौरा पूजा पश्चात निकाले जाने बाली शोभा यात्रा मे दिखता हैं |

स्थानीय बनिया पारा वार्ड में भी वहां के पूर्व पार्षद तथा नगर निगम के महिला, बालविकास तथा शिक्षा विभाग की पूर्व अध्यक्ष सरिता पिन्टु यादव ने भगवान गौरा गौरी के पूजा अर्चना पश्चात भगवान शंकर और पार्वती के निकाले जाने वाली बरात में सम्मिलित हुई उक्त अवसर पर उन्होंने कहा कि हमारे सनातन धर्म का सबसे बड़ा यह त्यौहार हमें आपसी प्रेम भाईचारा तथा एकता को मजबूती प्रदान करने की सीख देता है ऐसे पर्व की सार्थकता को बनाए रखने के लिए आज के दिवस सभी को एकसाथ सम्मिलित होकर हमारे आस्था श्रद्धा के केंद्र बिंदु मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम तथा समग्र मानवजाति को जीवन जीने की शिक्षा ग्रंथ गीता का संन्देश देने वाले भगवान कृष्ण के जीवन चरित्र को सर्वांगीण समाज के उत्थान के लिए आने वाली पीढ़ी को समर्पित करने का माध्यम प्रत्येक धर्मप्रेमियों बनना चाहिए |

श्रीमती यादव ने सभी जनप्रतिनिधियों से आग्रह पूर्वक अपील की है कि समाज में पाश्चात्य संस्कृति के अच्छादन को रोकने के लिए सभी तीज-त्योहारों में अपनी सहभागिता बढ़-चढ़कर देना चाहिए जो समाज के अनन्य लोगो के लिए प्रेरणादायक बन सके यही आम जनता के प्रति वास्तविक जन धर्म तथा अपने धर्म के लिए नैतिक जिम्मेदारी व दायित्व होगा जिसे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निभाते हुए प्रभु राम के जन्मस्थली अयोध्या में विराट मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर सनातन धर्म के गहरी पैठ को और मजबूती प्रदान करते हुवे आस्था व श्रद्धा का भाव को प्रगाढ़ता प्रदान की है।साथ ही सरिता यादव ने इस धार्मिक अवसर मे कोरोना प्रोटोकॉल के तहत मास्क, सेनेटराइज, अन्य सावधानी बरतने वाले समाग्रियों का उपयोग कर कोरोनो वायरस से बचाव के लिए जनजागरूकता का संदेश समाज को दिया।