नई दिल्ली | अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव की तस्वीर अब लगभग तय हो गई है. डेमोक्रेट्स पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडेन अमेरिका के अगले राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं. मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कई राज्यों में पिछड़ रहे हैं, जिसके बाद जो बाइडेन की जीत का औपचारिक ऐलान ही बाकी है. अब जब जो बाइडेन दुनिया के सबसे ताकतवर देश माने जाने वाले अमेरिका के बॉस बनने जा रहे हैं, तो दुनिया की निगाहें भी उनपर टिकी हैं. हर कोई उनकी नीतियों के बारे में जानना चाहता है. ऐसे में जो बाइडेन का राजनीतिक सफर कैसा रहा और उन्होंने अबतक कैसे पांच दशक के संघर्ष के बाद ये गद्दी हासिल की है. 77 साल के जो बाइडेन करीब पचास साल से अमेरिका की राजनीति में एक्टिव हैं. बाइडेन ने बतौर वकील अपने करियर की शुरुआत की थी, जिसके बाद उन्होंने राजनीति का रुख किया. साल 1972 में वो पहली बार चुनावी राजनीति में आए और डेलावेयर की न्यू काउंटी से चुने गए, यहां उन्होंने एक दस लेन के हाइवे के लिए जंग लड़ी. 1972 में ही जो बाइडेन ने अमेरिकी सीनेट के लिए उम्मीदवारी का ऐलान किया, डेलावेयर से वो 1973 में सीनेटर चुने गए. बाइडेन यहां से लगातार 2009 तक सीनेटर चुने गए.
इसी साल वो बराक ओबामा के प्रशासन में उपराष्ट्रपति बने थे जिसके कारण सीनेटर का पद छोड़ना पड़ा था.सबसे पहले जो बाइडेन ने 1987 में राष्ट्रपति पद के लिए किस्मत आजमाई, उन्होंने डेमोक्रेट्स की ओर से प्राइमरी की जंग भी लड़ी. 1988 में होने वाले चुनाव के लिए जब जो बाइडेन ने प्रचार शुरू किया, तो उनपर एक भाषण को चोरी करने का आरोप लगा. इसके बाद उनकी तबीयत खराब हुई और सर्जरी करवाने की वजह से उन्हें अपना कैंपेन वापस लेना पड़ा. बाइडेन अब अमेरिका के राष्ट्रपति बनने की कगार पर हैं, लेकिन उनके लिए ये राह इतनी आसान भी नहीं रही. जो बाइडेन ने अपने राजनीतिक करियर में तीन बार राष्ट्रपति बनने की रेस में हाथ आजमाया, लेकिन इससे पहले दो बार के प्रयासों में कुछ ना कुछ होता रहा.
इसके बाद 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में भी उनका कैंपेन शुरू हो गया था, लेकिन 2015 में बेटे की मौत के बाद उन्होंने चुनाव ना लड़ने का फैसला लिया. और तीसरी बार 2020 में अपनी किस्मत आजमाई, जिसमें वो सफल रहे. जो बाइडेन ने अपनी शुरुआत काउंटी से की, फिर सीनेटर, उपराष्ट्रपति और अब राष्ट्रपति बनने की ओर बढ़ चले हैं. लेकिन इस बीच उनकी निजी जिंदगी में कई बार मुसीबतें आईं. 20 नवंबर 1942 को जन्मे जो बाइडेन को कम उम्र में ही पेंसिलवेनिया से डेलावेयर शिफ्ट होना पड़ा, क्योंकि उनके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी. बाइडेन ने 1966 में नीला हंटर से शादी की, लेकिन करीब 6 साल बाद 1972 में एक एक्सीडेंट में उनकी पत्नी और एक साल की बेटी की मौत हो गई थी. जबकि उनके दो बेटे बुरी तरह से घायल हुए थे. बाइडेन ने बतौर सीनेटर पहली बार शपथ भी अस्पताल में ही ली थी. इसके बाद 2015 में जो बाइडेन के बेटे बिउ बाइडेन की कैंसर के कारण मौत हो गई थी.