रायपुर। प्रदेश में लॉकडाउन के बीच नशे के कारोबार को अंजाम देने के मामले में डीजीपी डीएम अवस्थी ने सख्त फरमान जारी करते हुए पुलिस अफसरों की भी जांच सुनिश्चित कर दी है। घनी आबादी वाले हिस्सों के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में शराब का जखीरा मिलने पर डीजीपी ने साफ निर्देश जारी कर दिए हैं कि जांच के दायरे में लोकल थाना स्टाफ और थानेदार भी शामिल किए जाएंगे। अगर कहीं भी उनकी संलिप्तता पाई गई तो सीधे निलंबन की कार्रवाई होगी। अनलॉक के ठीक पहले मंदिरहसौद क्षेत्र में शराब का बड़ा जखीरा मिलने के बाद डीजीपी ने टीआई का तबादला सीधे बस्तर कराया था।
लॉकडाउन के दौरान रायपुर में भी कई जगहों में शराब के अवैध कारोबार की सूचनाएं सामने आने लगी हैं। बुधवार को आबकारी दस्ते की एक कार्रवाई में मध्यप्रदेश ब्रांड की शराब मिलने के बाद और कई जगहों में पेटी खपाए जाने का अंदेशा है। अगले दिन मामला संज्ञान में लेकर डीजीपी ने सर्कुलर जारी करने की बात कही है। डीजीपी अवस्थी ने बताया कि नशे के कारोबार और बड़े सौदागरों के सक्रिय होने वाले क्षेत्रों में अफसरों की भूमिका जांची जाएगी। केवल थानेदार ही नहीं, बल्कि उनके सुपरविजन अफसर भी जवाब प्रस्तुत करेंगे।
शराब स्टाक शहर की सीमाओं को अनलॉक-4 में कुछ समय के लिए खोले जाने के बाद मध्यप्रदेश ब्रांड और हरियाणा ब्रांड की शराब खपाए जाने की सूचनाएं मिल रही हैं। बड़े ब्रांड से लेकर लोवर ब्रांड की शराब खपाई जा चुकी है। लॉकडाउन के बाद इन्हें महंगे दामों पर बेचा जा रहा है। रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर और महासमुंद जैसे शहर टॉप लिस्ट में हैं। यहां पहले भी मध्यप्रदेश ब्रांड की शराब बड़ी मात्रा में जब्त हो चुकी है। डीजीपी का स्पेशल सर्विलांस जिलों में शराब, गांजा और सट्टे के अवैध कारोबार पर नकेल कसने डीजीपी ने अलग से स्पेशल सर्विलांस रखा है। करीबी सूत्र के मुताबिक थाना स्तर पर सर्विलांस यूनिट की निगरानी होगी। इसके पहले भी मंदिरहसौद में इसी तरह से शराब का अवैध कारोबार करने वाले बड़े ठिकाने का पता चला था। डीजीपी के सर्विलांस में ही बड़ा जखीरा बरामद हुआ, इसके बाद टीआई पर गाज गिरी। डीजीपी ने इस बार भी इसी तरह के संकेत दिए हैं।