स्वच्छता दीदियों की कलेक्टर दर पर वेतन की मांग जायज़ सभी जनप्रतिनिधि समर्थन दें

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स्वच्छता दीदियों के मन की बात कब सुनेंगे मोदी जी

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के समक्ष प्रमुखता से रखेंगे बात

वेतन बढ़ाने के साथ सप्ताहिक अवकाश की मांग लेकर नेता आनंद पवार से मिलने पहुंचे स्वच्छता दीदी

विज्ञापन में खर्च करने के बजाए स्वच्छता कर्मियों के कल्याण में खर्च करे केंद्र सरकार – आनंद पवार

धमतरी। छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के मुख्यमंत्री बनते ही स्वच्छ भारत मिशन में काम कर रहे स्वच्छता दीदी का मानदेय 5000 से बढ़ाकर 6000 कर दिया गया था,जिससे इनको राहत तो मिली थी लेकिन केंद्र सरकार द्वारा महंगाई की मार से स्वच्छता दीदियों जीवन यापन करने में समस्या आ रही जिसे लेकर शहर के 40 वार्डो में डोर टू डोर कचरा कलेक्शन,साफ-सफाई और गौठान में खाद बनाने वाली स्वच्छता दीदी (महिलाओं) ने रविवार को युवा नेता आनंद पवार से मिलने पहुंचे उनकी लंबे समय से मांग है कि उन्हें कलेक्टर दर पर सैलेरी दी जाए।
आनंद पवार ने बताया कि इन स्वच्छता कर्मियों के माध्यम से लोगों के घरों में जाकर सूखा कचरा और गीला कचरा अलग-अलग करने के लिये जागरूकता भी फैलाया जा रहा है। इन कर्मियों ने कोरोना काल में भी लगातार हाई रिस्क का काम किया है। इनको राज्य शासन से वेतन मिलता है,लेकिन इनके काम का पूरा श्रेय केंद्र सरकार लेती है और इस योजना के लिए केवल विज्ञापन में ही खर्च करती है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सराकर द्वारा बढ़ती महंगाई के दौर में इतने कम रुपयों में काम करना किसी भी कर्मचारी के लिए बहुत मुश्किल होता है।छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनते ही इस समस्या को समझते हुए हमारे यशस्वी मुख्यमंत्री ने स्वच्छता दीदियों की इस परेशानी को समझते हुए उनके वेतन में बढ़ोतरी की थी,अब केंद्र सरकार को चाहिए कि विज्ञापनों में खर्च की जाने वाली भारी भरकम राशि का कुछ हिस्सा इनके कल्याण में लगाया जाए जिससे इन मेहनतकश स्वच्छता दीदियों को न्याय मिल सके।

महंगाई के दौर में 6 हजार में घर चलाना हो रहा मुश्किल

जिला अध्यक्ष जीतेश्वेरी साहू ने स्वच्छता कर्मचारियों का दुखड़ा सुनाते हुए कहा की वर्तमान में महंगाई प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। रोजमर्रा मे उपयोग होने वाले सभी समाग्रियों की कीमत आसमान छु रही है। लेकिन विगत 4 वर्ष से उनका वेतन नही बढा है। इस एवज में उन्हें 6 हजार रूपए की मासिक आए में अपना और अपने घर परिवार का लालन -पालन करना पड़ता है जो इस दौर में काफी कठिन हालत उत्पन्न कर रहा है।इस समस्या को देखते वेतन में इजाफा करने की मार्मिक मांग किए है।
आगे कहा की हम चाहते है सरकार को हमें कलेक्टर दर में वेतन देना चाहिए। जिससे हम भी अपना घर आसानी से चला सके, साथ ही अन्य मांग है कि इन्हें भी EPF के साथ हफ्ते में एक दिन की छुट्टी मिले।