सभी बच्चों को मिलना चाहिए शिक्षा का समान अवसर- कलेक्टर, निजी स्कूलों में आरटीई के तहत प्रवेशित बच्चों के साथ होना चाहिए अच्छा व्यवहार, कलेक्टर ने ली जिले के निजी स्कूलों के संचालक, प्राचार्यों की बैठक, स्कूलों में 15 जून तक रैन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने के दिए निर्देश
धमतरी | निजी स्कूलों में शिक्षा का अधिकार (आर.टी.ई.) के तहत प्रवेशित विद्यार्थियों के ड्रॉप आउट के कारणों की समीक्षा के मद्देनजर कलेक्टर सुश्री नम्रता गांधी ने बीते दिन जिले के धमतरी, कुरूद, मगरलोड और नगरी में संचालित निजी स्कूलों के संचालक, प्राचार्यों की बैठक ली। स्थानीय सामुदायिक भवन धमतरी में आयोजित इस बैठक में कलेक्टर ने शिक्षा के अधिकार कानून के मुख्य उद्देश्य को अपनाकर कमजोर वर्ग के ऐसे बच्चे जो आरटीई के तहत प्रवेशित हैं, उन्हें सामान्य विद्यार्थियों के साथ अच्छा माहौल प्रदाय करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आरटीई के तहत प्रवेशित बच्चों को पुस्तक, गणवेश देना संबंधित स्कूल का दायित्व है।
कलेक्टर सुश्री गांधी ने कहा कि निजी स्कूलों में एन.सी.ई.आर.टी. के अतिरिक्त अन्य प्रकाशकों की पुस्तकों का उपयोग नहीं किया जाये, इससे बच्चों को आर्थिक दबाव पड़ता है। साथ ही अन्य क्रिया-कलाप के लिए इन बच्चों से अतिरिक्त फीस की मांग भी नहीं करें, इसकी वजह से आरटीई के बच्चे ड्रॉप आउट होते हैं। उन्होंने कहा कि आरटीई के तहत प्रवेशित ऐसे बच्चे जो ड्रॉप आउट हो रहे हैं, उनके पालकों से मिलकर, अपने बच्चे को स्कूल भेजने के लिए प्रोत्साहित करें। ड्रॉप आउट का सामान्य कारण है कि बच्चे का अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई नहीं कर पाना, शाला आने-जाने में वाहन की शुल्क नहीं भर पाना। इस संबंध में कलेक्टर ने निजी स्कूलों के प्रबंधकों को निर्देशित किया कि वे संबंधित शिक्षकों को निर्देश दें कि आरटीई के तहत प्रवेशित बच्चों पर विशेष ध्यान दें। साथ ही वाहन शुल्क भी स्कूल द्वारा वहन करने की व्यवस्था करें। इसके अलावा कलेक्टर ने शासन के गाइडलाईन अनुरूप शिक्षकों की भर्ती करने के निर्देश बैठक में दिए। इस मौके पर कलेक्टर सभी निजी स्कूलों में आगामी 15 जून तक रैन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाने के निर्देश दिए।