सोंढूर डेम ईको पार्क बनेगा आकर्षण का केंद्र : कलेक्टर श्री मिश्रा

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ग्रामीणों की भागीदारी से संवरेगा पर्यटन स्थल, होमस्टे और दुकानों से बढ़ेगा रोजगार, पर्यटकों को मिलेंगी बेहतर सुविधाएँ, बोटिंग, सौंदर्यीकरण और फोटोग्राफी की होगी विशेष व्यवस्था

’धमतरी | धमतरी जिले में पर्यटन को लेकर प्रशासन लगातार नए प्रयास कर रहा है। इसी कड़ी में नगरी विकासखंड स्थित सोंढूर डेम का ईको पार्क अब और आकर्षक रूप में विकसित होगा। कलेक्टर श्री अबिनाश मिश्रा ने आज यहां पहुंचकर पार्क का निरीक्षण किया और ग्रामीणों से सीधे संवाद कर उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने पर जोर दिया। इस अवसर पर उदंती सीतानदी टायगर रिजर्व के आईएफएस ऑफिसर श्री वरूण जैन, एसडीएम नगरी सुश्री प्रीती दुर्गम सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। निरीक्षण के दौरान कलेक्टर श्री मिश्रा ने कहा कि यह इलाका प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है और यहां पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि “गांव आपका है, आप सब मिलकर इसे संवारें, ताकि यह स्थल पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बने। उन्होंने सुझाव दिया कि गांव में एक पर्यटक समिति का गठन किया जाए, जो पार्क के रख-रखाव और आसपास के क्षेत्र के विकास में सहयोग करे।

कलेक्टर ने पार्क में सौंदर्यीकरण, बोटिंग सुविधा, पक्षियों और जानवरों की फोटोग्राफी व्यवस्था, बेहतर सड़कों का निर्माण तथा सड़कों के किनारे फूलदार पौधों के रोपण पर विशेष जोर दिया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पर्यटन केवल प्राकृतिक सौंदर्य तक सीमित न रहे, बल्कि स्थानीय ग्रामीणों को भी रोजगार उपलब्ध हो। इसके लिए उन्होंने होमस्टे व्यवस्था और छोटे-छोटे दुकानों की शुरुआत करने का सुझाव दिया। इससे एक ओर जहां ग्रामीणों की आमदनी बढ़ेगी, वहीं पर्यटकों को स्थानीय संस्कृति और आतिथ्य का अनुभव भी मिलेगा। उन्होंने बताया कि ईको पार्क के विकास से धमतरी जिले का पर्यटन मानचित्र और विस्तृत होगा। यह न केवल जिले बल्कि पूरे प्रदेश के लिए एक नया पर्यटन आकर्षण बनेगा। जिला प्रशासन का उद्देश्य है कि यहां आने वाले हर पर्यटक को प्राकृतिक सौंदर्य, ग्रामीण संस्कृति और बेहतर सुविधाओं का अनुभव मिले। ’सोंढूर डेम का ईको पार्क धमतरी जिले की पहचान बन सकता है। प्रशासन और ग्रामीणों के सामूहिक प्रयास से यह क्षेत्र पर्यटन और आजीविका दोनों दृष्टियों से विकास का नया अध्याय लिखेगा। यह पहल जिले में पर्यटन को नई ऊँचाई देने के साथ-साथ ग्रामीणों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने का महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।