सेप्टिक टैंक में मिले नरकंकाल के रहस्य से उठा पर्दा, धमतरी पुलिस ने सुलझाया 6 साल पुराना हत्या का मामला

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धमतरी |जिला धमतरी के ग्राम भोयना स्थित एक गोदाम के सूखे सेप्टिक टैंक में मिले मानव कंकाल के रहस्य से पुलिस ने पर्दा उठा दिया है। लगभग 6-7 साल पुराने इस हत्या के मामले में पुलिस ने मृतक के सौतेले पिता को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

घटना का संक्षिप्त विवरण:
दिनांक 17 मई 2025 को ग्राम कोटवार तोरण नागरची ने थाना अर्जुनी में रिपोर्ट दर्ज कराई कि सुबह लगभग 9:00 बजे ग्राम भोयना स्थित आशीष बरड़िया के गोदाम के सूखे सेप्टिक टैंक में एक अज्ञात व्यक्ति की खोपड़ी दिखाई दी है। सूचना मिलते ही अर्जुनी पुलिस द्वारा मर्ग क्रमांक 34/25 धारा 194 बीएनएसएस. के तहत जांच शुरू की गई।

घटनास्थल की जांच के दौरान पुलिस को एक डॉट पेन, इंजेक्शन की सीरिंज, प्लास्टिक का बटन, अंडरवियर का रबर (जिस पर D-LUX लिखा था), सीमेंट का पोल (जिसमें हरी नायलॉन रस्सी और साइकिल ट्यूब बंधी थी) एवं 200 ग्राम मिट्टी बरामद हुई।

जांच में हुआ चौंकाने वाला खुलासा:
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक श्री सूरज सिंह परिहार के निर्देशन में अर्जुनी थाना प्रभारी और उनकी टीम को विशेष जांच सौंपी गई। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री मणिशंकर चन्द्रा के मार्गदर्शन में जांच के दौरान मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने ग्राम भोयना निवासी राममिलन गोड़ पिता रामआसरे उर्फ रामभावन गोड़ (उम्र 62 वर्ष) को हिरासत में लिया।

पूछताछ में आरोपी ने स्वीकार किया कि लगभग 6-7 साल पूर्व क्वांर नवरात्रि की रात उसका अपने सौतेले बेटे नंदू सोनी (उम्र 23 वर्ष) से खाने की बात को लेकर झगड़ा हुआ। झगड़े के दौरान उसने नंदू का गला पकड़कर उसके सिर को पत्थर की दीवार में पटक दिया जिससे उसकी मौत हो गई।

इसके बाद, आरोपी ने सुबह करीब 4 बजे नंदू के शव को रस्सी और साइकिल ट्यूब से सीमेंट पोल में बांधकर गोदाम के सेप्टिक टैंक में फेंक दिया।

गिरफ्तारी और साक्ष्य:
पुलिस ने आरोपी के निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त एक पत्थर भी जब्त किया। अपराध क्रमांक 74/2025 धारा 103(1), 238 बीएनएस. के अंतर्गत आरोपी को विधिवत गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड में भेज दिया गया।

जांच में शामिल टीम:
इस पूरे प्रकरण के सफल खुलासे में निरीक्षक चन्द्रकांत साहू, सहायक उप निरीक्षक उत्तम निषाद, प्रआर. भुनेश्वर साहू, विजय पति, आरक्षक राजेश साहू, प्रीतम ध्रुव एवं मुकेश सिन्हा का विशेष योगदान रहा।