
करोडों की लागत से लगाई गई मशीन सबित हो रही है सफेद हाथी
धमतरी | टी.बी. के मरीजों की पता लगाने के लिए चिकित्सा क्षेत्र में सी.बी.नाँट मशीन से बलगम की जांच कर पलमोनरी टी.बी.एवं एक्स्ट्रा पलमोनरी टी.बी. को चिन्हित करते हुए राष्ट्रीय कार्यक्रम क्षय नियंत्रण को गति प्रदान की जाती है लेकिन जिले का एकमात्र उक्त जांच हेतु जिला अस्पताल के क्षय नियंत्रण यूनिट में करोड़ों की लगाई गई यह मशीन दिसंबर माह से खराब पड़ी हुई है जिसके कारण जिले के जिलेभर के शासकीय अस्पतालों जिनमे कुरूद,नगरी, भखारा, मगललोड सहित अन्य जगहो से तथा प्राइवेट सेक्टरों से एवं जिन मरीजों को टी.बी. बीमारी की शंका होने पर जांच के लिए प्रतिदिन लगभग 80 से 100 मरीज को रायपुर, कांकेर सहित अन्य जगह जाना पड़ता है जिसमें आने-जाने के लागत के साथ ही उक्त टेस्ट की जांच का शुल्क 2400रूपये से लेकर 3200रूपये चुकाने पड़ते हैं तथा अनावश्यक समय भी जाता है बीते कुछ दिनों पहले क्षय नियंत्रण दिवस 24 मार्च को मनाते हुए पूरा पखवाड़े को उक्त बीमारी से मुक्त करने के लिए अनेक कार्यक्रम चलाते हुए क्षय मुक्त जिला बनाने की शपथ ली गई थी। लेकिन ऐसे पवित्र कार्यक्रम में सी.बी.नाँट मशीन के 4 माह का खराब होना ही प्रश्नचिन्ह खड़ा कर देता है। साथ ही केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम के तहत चलाए जा रहे विभिन्न कार्यों को गति देने में भी उक्त मशीन का अभाव सबसे बड़ी बाधा है साथ ही खराब पड़ी मशीन सफेद हाथी के रूप में है नियंत्रण जैसे कार्यक्रम को चिढाता नजर आ रहा हैं।
अतिशीघ्र टी.बी.जांच की सुविधा हो बहाल, नही तो विरोध करायेंगे दर्ज – राजेंद्र शर्मा
राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम को गति देने के लिए शासकीय अस्पताल के क्षय नियंत्रण ऑफिस में लगाए गए सी.बी. मशीन के 4 माह से बंद पड़े होने तथा क्षय बीमारी से ग्रसित जिले सहित आसपास के क्षेत्रों से आने वाले मरीजों को हो रही असुविधा के लिए रोष व्यक्त करते हुए नगर निगम के पूर्व सभापति राजेंद्र शर्मा ने कहा है कि केंद्र सरकार की स्वास्थ्य के क्षेत्र की यह जनहितकारी महत्वपूर्ण योजनाओं को मशीन के बंद हो जाने से सफल होने में बाधा पहुंच रही है जिसका महत्वपूर्ण कारण व्यवस्थागत लापरवाही होना है ऐसी परिस्थिति में अति शीघ्र उक्त सुविधाओं से मरीजों को प्रधान नहीं किया गया तो आने वाले समय में जनहित में लोकतांत्रिक पद्धति से विरोध दर्ज कराएंगे श्री शर्मा ने उक्त समस्या की ओर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मढाढिया तथा प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिहदेव का भी पत्र लिखकर ध्यान आकर्षित कराया है ।