सात सालों के कार्यकाल में मोदी सरकार हर मोर्चे पर विफल – कांग्रेस

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धमतरी | भारतीय जनता पार्टी नरेंद्र मोदी सरकार के सात साल पूरे होने पर जश्न मना रही है पर देश जीने की बात तो छोड़िए ठीक से मरने के लिए तरस गया है। एक विज्ञप्ति में जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष शरद लोहाना, नगर निगम महापौर विजय देवांगन, पूर्व जिलाध्यक्ष मोहन लालवानी, जिला पंचायत उपाध्यक्ष नीशू चंद्राकर, कोषाध्यक्ष सलीम रोकड़िया, महामंत्री आलोक जाधव, ने कहा कि किया तो वादा था कि विदेशी काला धन वापस लाया जाएगा जो कि बांटने पर प्रत्येक आदमी के खाते में 15 -15 लाख रुपया आएगा पर आज तक नहीं बताया कि विदेश से कितना काला धन आया, किसके-किसके और कहाँ-कहाँ खाता है अब उसके विषय मे कोई बात ही नहीं करता। दो करोड़ लोगों को रोजगार देने की बात की थी मगर उल्टे करोड़ो लोगों को बेरोजगार कर दिया आज देश बेरोजगारी के उच्चतम पायदान पर खड़ा है।


स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू कर किसानों की आय दुगुनी करने का वादा तो छोड़िए ऐसे कानून बना दिये कि खेती पूंजीपतियों की जागीर बन जाएगी, डरे हुए किसान कई महीने से दिल्ली घेरकर बैठे हैं।
पाकिस्तान से एक के बदले दस सिर लाने और चीन को लाल आंख दिखाने का दम्भ भरने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राज में चीन बीस सैनिकों को मार देता है और नेपाल जैसा छोटा सा देश लाल आंख दिखा रहा है। जिला अध्यक्ष लोहाना ने कहा कि मोदी जी ने नोटबंदी लागू करते हुए देश को भरोसा दिया कि इस कदम से देश का काला धन बाहर आएगा, नक्सली हिंसा पर लगाम लगेगा, आतंकवाद पर लगाम लगेगी पर हुआ उल्टा नक्सलवाद चरम पर है आतंकवाद बदस्तूर जारी है, हाँ गरीब लोग बैंक की लाइन में अपनी जान गवां बैठे कइयों का रोजगार छीन गया देश अभूतपूर्व आर्थिक मंदी की चपेट में आ गया। पूर्व जिलाध्यक्ष लालवानी ने कहा कि इसी तरह जीएसटी को देश की दूसरी आज़ादी बताने वाले प्रधानमंत्री राज्यों को उनका हिस्सा देने में असफल रहे, जीवन रक्षक दवाइयों और उपकरणों पर जी एस टी लगा दिया पर पेट्रोल-डीजल को शामिल करने में उन्हें आपत्ति है।
पेट्रोल-डीजल, गैस के दाम पर जो तकरीर गुजरात के मुख्यमंत्री करते थे उसे सुनकर लोगों ने प्रधानमंत्री बना दिया और वे हमेशा की तरह पिछली बातें भूल गए है। महापौर देवांगन ने कहा कि कोरोना संकट में भी प्रधानमंत्री जी ने देश को सम्हालने की बजाय थाली बजवाया, दिये जलवाए, बिना सोचे समझे लॉकडाउन कराया सब बिगड़ने लगा तो राज्यो पर छोड़ दिया। पहली लहर में मध्यप्रदेश में सरकार बनाने को प्राथमिकता मिली तो दूसरी लहर को बंगाल चुनाव की वजह से आने दिया गया। वेक्सीन पर भी कब्जा जमाए बैठे है एक तरफ राज्यो को खरीदने की छूट देते हैं तो दूसरी तरफ कम्पनियों को सख्त हिदायत है कि किसे कितना देना है। हम बताएंगे आज जब वेक्सीन के मामले में सरकार को देश के साथ खड़े होकर निर्बाध उत्पादन को सुनिश्चित करना चाहिए उसकी जगह वेक्सीन निर्माता कम्पनियो की तरफदारी की जा रही है। जिला पंचायत उपाध्यक्ष चन्द्राकर ने कहा कि कहाँ वादा तो भारत को विश्व गुरु बनाने का था पर देश सबसे बड़ा शमसान बन गया जीने की बात तो छोड़िए सम्मान पूर्वक मरना भी दुर्लभ हो गया है। जिस गंगा मां के बुलाने पर यह पुत्र बनारस गया था वही गंगा लाशों से अटी पड़ी है। कोषाध्यक्ष रोकड़िया ने कहा कि संसद को प्रणाम करने वाले प्रधानमंत्री ने संसदीय परम्पराओ का कभी निर्वाह नहीं किया दल बदल कर सरकार बनाना, अपराधियों का भाजपा में शामिल होते ही सब गुनहा माफ हो जाना, मीडिया को प्रभावित कर निरंतर अपना गुणगान करवाना सत्ता प्राप्ति के लिए किसी हद तक जाना, कारपोरेट की जी हुजूरी और गरीबों से दो गज दूरी इस सरकार की नीति है। महामंत्री जाधव ने कहा कि सात साल में अच्छे दिन तो आये नहीं पर इतने बुरे दिन भी देखना होगा यह किसी ने सोचा न होगा। देश की जनता त्राहि-त्राहि कर रही है और कह रही है कोई लौटा दे मेरे बीते हुए दिन।