समूह की महिलाओं की जागी इच्छाशक्ति आय में वृद्धि के साथ आदर्श गौठान परेवाडीह में ढाई एकड़ क्षेत्र में ले रहीं सब्जीवर्गीय फसलें

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धमतरी | प्रदेश शासन की महत्वाकांक्षी सुराजी गांव योजना से गौठानों के जरिए गांव की महिलाएं स्वावलम्बन की ओर कदम बढ़ा रही हैं। एक ओर उनकी आय में वृद्धि हो रही है, वहीं इससे उनमें इस कार्य को आगे बढ़ाने की इच्छाशक्ति भी जागृत हुई है। जिला मुख्यालय के समीप ग्राम परेवाडीह के स्वसहायता समूह की महिलाएं ढाई एकड़ क्षेत्र में सामुदायिक बाड़ी विकसित कर सब्जीवर्गीय फसलें ले रही हैं। इसके तकनीकी पहलुओं एवं बारीकियों से वाकिफ करने के लिए उन्हें प्रशिक्षण भी दिया गया है।

धमतरी विकासखण्ड के अर्जुनी-भखारा मुख्यमार्ग पर ग्राम परेवाडीह स्थित है, जहां वर्तमान में आदर्श गौठान तैयार किया गया है जिसमें गायत्री स्वसहायता समूह की 15 महिलाओं के द्वारा विभिन्न प्रकार की अंतरवर्तीय सब्जी की फसलें ली जा रही हैं। समूह की सचिव श्रीमती भारती साहू ने बताया कि योजना के तहत लगभग साल भर पहले ग्राम पंचायत से 2.50 एकड़ रिक्त भूखण्ड सामुदायिक बाड़ी विकास के लिए मिला, जिसमें पहले महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना के तहत भूमि समतलीकरण, गड्ढा निर्माण और मिश्रित पौधरोपण कराया गया। इसके बाद बिहान कार्यक्रम के तहत अभिसरण से समूह को अंतरवर्तीय फसलों के लिए भूखण्ड आबंटित किया गया। श्रीमती साहू ने बताया कि सब्जीवर्गीय फसलों की उन्नत पैदावार एवं तकनीकी ज्ञान के लिए बड़ौदा आरसेटी से समूह की महिलाओं को प्रशिक्षण भी दिया गया। तदुपरांत बिहान के सहयोग और उद्यानिकी के मार्गदर्शन में महिलाओं ने वित्तीय आवश्यकताओं के लिए लोन लिया और उससे विभिन्न प्रकार की सब्जियों जैसे 30 डिसमिल रकबे में करेला, 20-20 डिसमिल में बैंगन एवं टमाटर, 25 डिसमिल में मूंगफली, 15 डिसमिल में कद्दू, 10-10 डिसमिल में अमारी, पटवा, लालभाजी सहित गलका का भी उत्पादन लिया गया।


महिलाओं ने बताया कि लोन का समय पर भुगतान करने के बाद भी समूह को अब तक 30 से 35 हजार रूपए की आमदनी हो चुकी है। समूह की अध्यक्ष श्रीमती माधुरी साहू ने बताया कि इन सब्जियों के अलावा समूह की महिलाएं स्वयं के व्यय से छह टांकों में 7 किलोग्राम वर्मी का उत्पादित की, जिसे बाद में 17 टंकियों में विस्तारित किया गया है। इस तरह महिलाओं को शासन की योजना से एक ओर स्वावलम्बन का सशक्त जरिया मिला, वहीं तकनीकी ज्ञान प्राप्त कर आय सृजित करने उद्देश्य भी मिल गया।