समय-सीमा की बैठक में कलेक्टर हुए सख्त –ई-ऑफिस, अटल पोर्टल, औषधीय खेती एवं जीआईएस के प्रभावी उपयोग पर कलेक्टर ने दिए निर्देश

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समय-सीमा की बैठक में कलेक्टर हुए सख्त –ई-ऑफिस, अटल पोर्टल, औषधीय खेती एवं जीआईएस के प्रभावी उपयोग पर कलेक्टर ने दिए निर्देश, प्रशासनिक दक्षता और तकनीक के समन्वय पर जोर

धमतरी | कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में मंगलवार को कलेक्टर श्री अबिनाश मिश्रा की अध्यक्षता में समय-सीमा की बैठक आयोजित की गई। बैठक में शासन की प्राथमिकताओं पर तेज़ी से कार्य करते हुए योजनाओं की प्रगति, तकनीकी नवाचार, डिजिटल कार्यप्रणाली और विभागीय समन्वय पर विशेष बल दिया गया। प्रशासन से जुड़ी गतिविधियों को कुशलता, प्रभावशीलता और पारदर्शिता के साथ संपादित करने पर जोर दिया । कलेक्टर ने सबसे पहले ई-ऑफिस प्रणाली की अनिवार्यता पर जोर देते हुए कहा कि जिला कार्यालय में ई-ऑफिस का विधिवत शुभारंभ हो चुका है, अतः अब समस्त शासकीय पत्राचार एवं फाइलें केवल इसी प्रणाली के माध्यम से संचालित की जाएं। उन्होंने अधिकारियों को नोटशीट लेखन, दस्तावेज संलग्न करना और फाइलों को अग्रेषित करने की प्रक्रिया को भलीभांति समझने तथा किसी तकनीकी समस्या की स्थिति में तत्काल एनआईसी या तकनीकी टीम से मार्गदर्शन लेने की सलाह दी। उन्होंने विद्यालय शिक्षा विभाग एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी को निर्देशित किया कि जिले में स्थित जर्जर अथवा मरम्मत योग्य शालाओं एवं आंगनबाड़ी केंद्रों का यथाशीघ्र सर्वे कर प्रस्ताव तैयार करें, ताकि भवनों का पुनर्निर्माण या मरम्मत समय रहते कराई जा सके। बैठक में अटल मॉनिटरिंग पोर्टल पर योजनाओं की प्रगति अपलोड नहीं करने पर कलेक्टर ने नाराजगी व्यक्त की और स्पष्ट किया कि यह पोर्टल राज्य शासन के सर्वोच्च स्तर पर योजनाओं की निगरानी का महत्वपूर्ण माध्यम है। उन्होंने सभी विभागों को निर्देश दिए कि योजनाओं से संबंधित वास्तविक एवं अद्यतन आंकड़े समय-सीमा में पोर्टल पर अपलोड किए जाएं। इसी कड़ी में समाज कल्याण विभाग के लंबित पेंशन प्रकरणों की भी समीक्षा की गई। कलेक्टर श्री मिश्रा ने समाज कल्याण अधिकारी को निर्देशित किया कि पेंशन योजनाओं के लंबित प्रकरणों की ई-केवाईसी प्रक्रिया शीघ्र पूर्ण कराई जाए, ताकि पात्र हितग्राहियों को समय पर पेंशन का लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि यह कार्य शासन की जनहितैषी योजनाओं की विश्वसनीयता और पारदर्शिता को मजबूत करता है। आयुष्मान एवं वयोवृद्ध कार्ड निर्माण को लेकर भी कलेक्टर ने गंभीरता दिखाई और संबंधित विभागों को शत-प्रतिशत कार्ड निर्माण का लक्ष्य शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे, यह प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। कलेक्टर श्री मिश्रा ने आगामी गुरुवार को ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों की कार्य समीक्षा बैठक आयोजित करने की घोषणा की। उन्होंने बताया कि यह समीक्षा उसी प्रकार होगी जैसे हाल ही में पटवारियों के कार्यों की समीक्षा की गई थी। सभी कृषि अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रीय डेटा सहित अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने के निर्देश दिए गए हैं। बैठक में उन्होंने जिले में औषधीय खेती की दिशा में हो रहे प्रयासों की सराहना की और इसे ग्रामीणों की आर्थिक समृद्धि से जोड़ने वाला महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने उद्यानिकी अधिकारी को निर्देशित किया कि जिले के किन क्षेत्रों की जलवायु औषधीय पौधों की खेती के लिए उपयुक्त है, इसका भौगोलिक सूचना प्रणाली (GIS) के माध्यम से विस्तृत मानचित्रण एवं विश्लेषण किया जाए। साथ ही कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन, खाद्य एवं विद्युत विभाग को भी जीआईएस आधारित उपयुक्त डेटा एवं संरचना (जैसे विद्युत सब-स्टेशन, पोल आदि) उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि आधुनिक विश्लेषण तकनीकें, जैसे GIS, प्रशासनिक निर्णयों को अधिक सटीक, पारदर्शी एवं प्रभावशाली बना रही हैं। बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्रीमती रोमा श्रीवास्तव, अपर कलेक्टर श्रीमती रीता यादव एवं श्रीमती इंदिरा देवहारी, सभी एसडीएम एवं जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक सकारात्मक समन्वय एवं कार्यों की गति बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हुई।