
पंडित राजेश शर्मा ने छाती मे श्रीमद्भागवत सप्ताह पर कहा संस्कारवान समग्र पीढ़ी तैयार करती है धार्मिक आयोजन
भगवान शंकर माता पार्वती सृजन, समन्वय, संस्कार के है प्रतीक-:राजेंद्र शर्मा
धमतरी । ग्राम छाती में श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ सप्ताह के दूसरे दिवस भगवान शंकर माता पार्वती की विवाह की कथा सुनाते हुए व्यासपीठ से पंडित राजू पाठक ने कहा कि पूरे विश्व में सनातन धर्म ही एक ऐसी पवित्रता को अपने में समाहित किया हुआ है जो विवाह को जन्म को संस्कार के रूप में समाज के लिए प्रेरणादाई है हिंदुत्व एक जीवन पद्धति है और इसी के माध्यम से ही व्यक्ति अपने जीवन में सुख शांति समृद्धि खुशहाली ला सकता है भगवान शंकर ने भी माता पार्वती को कैलाश पर्वत पर यही कथा सुनाते हुए विश्व समुदाय को सनातन जीवन पद्धति दी है जिसका अभ्युदय ईश्वर स्वयं अपने हाथों से किया हुआ है श्रीमद्भागवत गीता जीवन को जीने की कला सिखाती है इस पथ पर चलने वाला व्यक्ति हमेशा सुखी रहेगा दुख उसको छू भी नहीं सकती। वही आयोजक समिति की मातशक्तियो श्रद्धा सुमन मानस परिवार के इस आयोजन पर विशेष रुप से उपस्थित शहर के धर्म प्रेमी समाजसेवी पंडित राजेश शर्मा ने उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए ।
कहा कि वर्तमान समाज की सारी विकृतियों को जड़ से खत्म करते हुए एक संस्कारवान समग्र पड़ी समाज व राष्ट्र को देने के लिए धार्मिक आयोजन सबसे सशक्त माध्यम है जिसमें रामचरितमानस श्रीमद् भागवत गीता का हो रहा आयोजन और उसमें नारी शक्ति की भूमिका भारत की आने वाली पीढ़ी के लिए एक ऐसा शुभ संकेत है जिसकी अपेक्षा विश्व समुदाय तो सामानों समुदाय कर रही है वही नगर निगम के पूर्व सभापति राजेंद्र शर्मा ने कहा कि भगवान शंकर माता पार्वती समाज को समन्वय सकारात्मक सृजन तथा पवित्र संस्कार को अपनाते हुए अपने मानव योनि को धन्य करना चाहिए और यही ऐसे आयोजन कर सार्थक उद्देश्य भी होता है उक्त अवसर पर अरुण बघेल, डॉ कौशल, भी विशेष रूप से उपस्थित रहें।