संतान सुरक्षा के लिए माताओं कि आस्था का पर्व है कमरछठ – रंजना साहू

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धमतरी | संतान कि सुरक्षा की मनोकामना हेतु माताओं का आस्था का पर्व कमरछठ भगवान बलरामजी के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। बलराम जी का प्रधान शस्त्र हल और मूसल है, इसलिए इस दिन को हलषष्ठी, हरछठ के रूप में भी मनाया जाता है और इसीलिए भगवान बलराम को हलधर के नाम से जाना जाता है।

विधायक रंजना डीपेंद्र साहू द्वारा अपने जनप्रतिनिधि धर्म निभाने के साथ ही साथ पारिवारिक, सामाजिक तथा धार्मिक कर्तव्य को भी परंपरा व संस्कृति के साथ आगे बढ़ाने के लिए सतत क्रियाशील रहती है। छत्तीसगढ़ अंचल की महत्वपूर्ण माताओं से संबंधित पर्व कमरछठ में अपने निज निवास पर भगवान शिवजी व माता पार्वती की मिट्टी की प्रतिमा बनाकर भगवान शंकर माता पार्वती की प्रतीक के रूप में सगरी भूमि पर स्थापित देवी देवताओं की पूजा अर्चना करते हुए सभी को हलषष्ठी पर्व की बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए सभी पुत्रव्रत संतानों की दीर्घायु सुख समृद्धि की प्रार्थना करते हुए क्षेत्र की समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की हैं। इस अवसर पर विधायक संजना डीपेंद्र साहू ने कहा कि हमारी पहचान स्थानीय परंपरा में कमरछठ का पर्व मां के का पुत्र के प्रति समर्पण, अपनत्व तथा सामाजिक सरोकार से जुड़ा हुआ पर्व है, इस दिन सभी माताएं अपनी संतानों को विभिन्न प्रकार के ईश्वरीय भोग, लाई का दोना तथा पसहेर का चावल, भैंस की दूध, घी, अनेक प्रकार की भाजी के माध्यम से व्रत को तोड़ते हुए अपने अपने संतानों के लिए सुखी एवं मंगल जीवन की कामना करती है। श्रीमती साहू ने भी विधायक के रूप में क्षेत्र के प्रत्येक चेहरों में समृद्धि की खुशी तथा खुशहाली जीवन की कामना की।