कृष्ण रुक्मणी विवाह कथा
धमतरी | रुद्री में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिन की कथा प्रारंभ करते हुए कथा व्यास आचार्य श्री रामप्रताप शास्त्री जी महाराज ने भगवान की अनेक लीलाओं में श्रेष्ठतम लीला रास लीला का वर्णन करते हुए बताया कि रास तो जीव का परमात्मा के मिलन की कथा है। यह काम को बढ़ाने की नहीं काम पर विजय प्राप्त करने की कथा है। इस कथा में कामदेव ने भगवान पर खुले मैदान में अपने पूर्व सामर्थ्य के साथ आक्रमण किया है लेकिन वह भगवान को पराजित नही कर पाया उसे ही परास्त होना पड़ा है रास लीला में जीव का शंका करना या काम को देखना ही पाप है गोपी गीत पर बोलते हुए श्री शास्त्री जी ने कहा जब तब जीव में अभिमान आता है भगवान उनसे दूर हो जाता है लेकिन जब कोई भगवान को न पाकर विरह में होता है तो श्रीकृष्ण उस पर अनुग्रह करते है उसे दर्शन देते है। भगवान श्रीकृष्ण के विवाह प्रसंग को सुनाते हुए बताया कि भगवान श्रीकृष्ण का प्रथम विवाह विदर्भ देश के राजा भीष्मक की पुत्री रुक्मणि के साथ संपन्न हुआ लेकिन रुक्मणि को श्रीकृष्ण द्वारा हरण कर विवाह किया गया। इस कथा में समझाया गया कि रुक्मणि स्वयं साक्षात लक्ष्मी है और वह नारायण से दूर रह ही नही सकती यदि जीव अपने धन अर्थात लक्ष्मी को भगवान के काम में लगाए तो ठीक नही तो फिर वह धन चोरी द्वारा, बीमारी द्वारा या अन्य मार्ग से हरण हो ही जाता है। धन को परमार्थ में लगाना चाहिए और जब कोई लक्ष्मी नारायण को पूजता है या उनकी सेवा करता है तो उन्हें भगवान की कृपा स्वत ही प्राप्त हो जाती है।
कथा के मुख्य यजमान श्री नरेन्द्रसाहू,दीनदयाल,कौशल साहू जी ने आग्रह किया है की सभी भक्तवृंद आकर इस पावन कथा का लाभ ले इस अवसर पर पुर्व विधायक रंजना साहू,डीपेंद्र साहू,अवनेंद्र साहू ,गोपाल साहू, नंदझरुखा साहू ,मानिक साहू , उमेश साहू, गोविंद साहू , गुमान सिन्हा, विशावाकुमार साहू तामेश्वर साहू सीता राम, दुजराम सिन्हा, रेखा लाल, रेखुराम, चुरान लाल, जे एल देवांगन दिलीप राज जगदालिया ,मुरलीधर अग्रवाल,भारत सोनी ,सियाराम साहू ,नीरज नहर अजय साहू, सुनिल साहू,भूपेंद्र साहू ,माधवेंद्र हिरवानी अर्चना साहू ,माया साहू, मनीषा साहू, गुंजा साहू, लता साहू, उपस्थित थे।