काफी खुश हूं कि मुझे एक दिन का अधिकारी बनने का मौका मिला , अपने गांव के जरूरतमंद परिवार को स्पॉन्सरशिप योजना की मौरवी ने दी जानकारी
धमतरी | कलेक्टर सुश्री नम्रता गांधी के अभिनव प्रयास से बीते दिन जिले के हाई एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल के 202 विद्यार्थियों ने कलेक्टोरेट सहित विभिन्न कार्यालयों का संबंधित अधिकारियों के साथ भ्रमण कर शेडो अधिकारी की भूमिका निभाए। इस दौरान बच्चों ने उत्सुकता से कार्यालयों में किए जाने वाले कार्य, अधिकारी, कर्मचारियों की दिनचर्या, योजनाओं का मैदानी स्तर पर क्रियान्वयन सहित विभिन्न कार्यक्रमों को करीब से जाना और समझा। इस अभिनव पहल के लिए बच्चों ने जिला प्रशासन का धन्यवाद ज्ञापित किया और आगे भी ऐसे आयोजन संचालित होते रहें, जिससे अन्य विद्यार्थियों को भी मौका मिले, ऐसी अपेक्षा कलेक्टर के समक्ष रखीं।
शेडो जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग के तौर पर भूमिका निभाने वाली शासकीय हायर सेकेण्डरी स्कूल बारना की कक्षा बारहवीं की विद्यार्थी कुमारी मौरवी किरण काफी संवेदनशील और जिज्ञासु प्रवृत्ति की है, वह शासकीय कार्यक्रमों एवं योजनाओं को गंभीरतापूर्वक जाना और समझा तथा इनसे प्रभावित भी हुईं। कुमारी मौरवी ने जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती जगरानी एक्का के साथ उनके कार्यालय में बैठकर कार्यालयीन कार्यों, योजनाओं से लाभान्वितों, आंगनबाड़ी में दी जाने वाली सुविधाओं, बालकों हेतु संचालित बालगृह, चाईल्ड हेल्पलाईन, बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड सहित कार्यालय में संधारित विभिन्न पंजीयों के बारे में विस्तार से जानकारी ली। इसके अलावा सखी वन स्टॉप सेंटर, बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड इत्यादि का भी भ्रमण किया। इस दौरान बाल संरक्षण के तहत स्पॉन्सरशिप योजना के बारे में श्रीमती एक्का ने मौरवी को जानकारी दी। एक क्षण की भी देरी ना करते हुए कुमारी मौरवी ने योजना से अपने गांव के एक परिवार को जानकारी देने की बात अधिकारी के समक्ष रखी। उन्होंने बताया कि उनके गांव में निर्मलकर परिवार रहता है, जिसके मुखिया की पिछले दिनों सड़क दुर्घटना में घायल होने की वजह से इलाज के दौरान मृत्यु हो गई। दो माह पूर्व घटित इस घटना से उस परिवार में कमाने वाला कोई सदस्य नहीं रहा और वह महिला अपने तीन बच्चों के साथ अत्यंत गरीबी व अभाव में जीवन-यापन कर रही है। मौरवी किरण ने श्रीमती एक्का से पूछा कि इस योजना का लाभ इन्हें मिल सकता है कि नहीं ? इस पर श्रीमती एक्का ने बालिका की संवेदनशीलता की प्रशंसा करते हुए बताया कि इस परिवार को अवश्य ही योजना का लाभ मिलेगा। साथ ही इनके दो बच्चों को भी लाभान्वित किया जा सकता है। इसके अलावा आवेदन के साथ लगने वाले दस्तावेजों की जानकारी भी शेडो ऑफिसर को दी गई। योजना के तहत ऐसे एकल माता-पिता जो परिवार के पालन-पोषण में अक्षम हैं, उनके बच्चों के लिए आर्थिक सहायता प्रदाय किया जाता है। इसके लिए परिवार की वार्षिक आय ग्रामीण क्षेत्र में 72 हजार रूपये और शहरी क्षेत्र में 96 हजार रूपये तक होनी चाहिए। इस योजना से अब तक जिले के 52 बच्चे लाभान्वित हो रहे हैं। इस पर शेडो ऑफिसर कुमारी मौरवी किरण ने तत्काल उस परिवार से मुलाकात की तथा योजना और आवश्यक दस्तावेजों की जानकारी दी। इसके बाद जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग को फोन के जरिए परिवार से मुलाकात करने की बात बताई।
जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती एक्का ने इस अप्रतिम पहल के लिए कलेक्टर सुश्री गांधी का धन्यवाद ज्ञापित किया, जिनकी वजह से जिले के संवेदनशील विद्यार्थी के साथ उन्हें कार्य करने का अवसर मिला। कुमारी मौरवी ने बताया कि वह डॉक्टर बनना चाहतीं हैं और अगर नीट क्लियर नहीं भी कर पाईं तो नर्सिंग कोर्स करेंगी और लोगों की सेवा करेगी। मौरवी के संयुक्त परिवार में दादा जी रामायणी, पिता किसान, माता गृहणी, चाचा बटालियन में है।