शिक्षकों पर बढ़ते बोझ, रोज नए आदेशों से पढ़ाई पर असर पड़ रहा

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शिक्षकों पर बढ़ते बोझ, रोज नए आदेशों से पढ़ाई पर असर पड़ रहा, शिक्षक विभाग के रोज के ऑनलाइन कार्य एवं नित नए प्रयोगों, प्रशिक्षण से अध्ययन अध्यापन का कार्य हो रहा बुरी तरह प्रभावित, शिक्षकों पर मानसिक दबाव निरंतर बढ़ता जा रहा

धमतरी | विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति इसलिए की जाती है, जिससे वे बच्चों को पढ़ाएं व उन्हें समाज के लिए उपयोगी बनाएं। बच्चों को सही या गलत मार्ग का चयन करना सिखाए। आजकल ये सब केवल सैद्धांतिक ही प्रतीत होते नजर आ रहा है, व्यवहार में ऐसा कुछ होते दिखाई नहीं दे रहा है। इसका मतलब यह नहीं है कि शिक्षक अपने दायित्व से मुंह मोड़ लिया है। नित नए विभागीय ऑनलाइन कार्य, विभिन्न प्रशिक्षण व आए दिन संस्थाओं में विभिन्न कार्यक्रमों व आयोजनों के निर्देश के कारण अपने मूल कार्यों से परे होते जा रहे हैं। स्कूलों में ऑनलाइन एंट्री, डाक बनाने एवं अन्य कार्यक्रमों के कारण अध्यापन के लिए कम समय मिलना शिक्षकों की चिंताए बढ़ा दी है। उक्त बातें छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन धमतरी के जिलाध्यक्ष डॉ भूषण लाल चंद्राकार, प्रदेश उपाध्यक्ष देवनाथ साहू, प्रदेश कोषाध्यक्ष शैलेंद्र पारीक, प्रांतीय महिला प्रतिनिधि सविता छाटा, जिला महिला प्रकोष्ठ प्रभारी बी यदु, जिला सचिव बलराम तारम, कोषाध्यक्ष रामदयाल साहू, जिला उपाध्यक्ष गण नंदकुमार साहू, डॉ. गणेश प्रसाद साहू, तीरथराज अटल, नारद राम बघेल, ब्लॉक अध्यक्ष गण धमतरी गेवाराम नेताम, नगरी शैलेंद्र कौशल, कुरूद दिनेश कुमार साहू, मगरलोड रमेश यादव, पदाधिकारी गण हरीश कुमार साहू, धर्मेंद्र साहू, टीकमचंद सिन्हा, तोमल साहू, अशोक कुमार साहू, लोमस साहू, उत्तम साहू, शेषनारायण साहू सहित विभिन्न पदाधिकारियों एवं शिक्षकों ने कही।

पखवाड़ेभर से अध्यापन ठप था
उन्होंने कहा कि प्राथमिक व मिडिल स्कूलों में प्रतिदिन मध्याह्न भोजन की एंट्री, हाई व हायर सेकंडरी स्कूलों में माध्यमिक शिक्षा मंडल में नामांकन व परीक्षा फॉर्म, यूडाइस में सभी विद्यार्थियों की एंट्री कार्य किया जाता है। छात्रवृत्ति की एंट्री व दस्तावेज अपलोड कार्य करना पड़ रहा है। अब अपार आईडी की एंट्री कर जनरेट करने का कार्य भी शिक्षकों को करना पड़ रहा है। परख परीक्षा व विद्यार्थियों के उत्तरों की ऑनलाइन एंट्री से पखवाड़ेभर अध्यापन कार्य ठप हो गया था। वर्तमान में शिक्षकों के वार्षिक अचल संपत्ति का विवरण ऑनलाइन अपलोड करने का भी दबाव बनाया जा रहा है। इसके अलावा प्राथमिक माध्यमिक संवर्ग के शिक्षकों को विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण भी ऐन परीक्षा के समय दिया जाता है। वर्तमान में हाई स्कूल हायर सेकेंडरी के व्याख्याता शिक्षकों का ब्लूप्रिंट पर दो दिवस का प्रशिक्षण हुआ जबकि इसके पूर्व जोन स्तर पर उक्त प्रशिक्षण आयोजित किया जा चुका था। इसके अलावा व्याख्याता संवर्ग का तीन दिवसीय ऑफलाइन सेवाकालीन प्रशिक्षण तथा दो दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण भी आयोजित किया जा रहा है। संस्था प्रमुख गण के निरंतर विभाग स्तर की बैठकों में सम्मिलित होने के कारण भी उनके स्वयं का अध्यापन कार्य प्रभावित होता है। इसी प्रकार विभाग के उच्च कार्यालय के आदेश अनुसार संस्थानों में विभिन्न गतिविधियों, कार्यक्रम का भी आयोजन करना पड़ता है साथ में अन्य विभाग की भी गतिविधियों को विद्यालय स्तर पर करने हेतु आदेश प्रसारित किया जाता है जिसका भी पालन करना अनिवार्य होता है। इस प्रकार की सब गतिविधियों से अध्ययन अध्यापन का कार्य बहुत ज्यादा प्रभावित होता है और इसके बाद में भी विभाग शिक्षकों से विद्यार्थियों से शैक्षिक गुणवत्ता की अपेक्षा करता है।

आखिर सभी जानकारी उसी समय क्यों?

उन्होंने कहा कि अब प्रश्न उठता है कि आखिर सभी जानकारी अर्जेन्ट उसी दिन उसी समय देने की आवश्यकता क्यों पड़ती है। शिक्षक को हर एक घंटे मोबाइल खोलकर देखना पड़ता है कि कहीं कोई जानकारी देने से छूट न जाएं। यदि कोई जानकारी कहीं छूट गई तो स्पष्टीकरण व बचाव के लिए मिन्नते करने तैयार रहना पड़ता है। किसी कारण से मध्याह्न भोजन की ऑनलाइन एंट्री छूटने पर स्पष्टीकरण आए दिन निकलते ही रहता है। अभी धमतरी विकासखंड में वार्षिक अचल संपत्ति का विवरण ऑनलाइन अपलोड नहीं करने पर शिक्षकों के महा दिसंबर का वेतन रोकने संबंधित सूचना प्रसारित की गई थी जिस पर छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन ब्लॉक शाखा धमतरी के द्वारा तुरंत कड़ी आपत्ति दर्ज करने पर उसको निरस्त किया गया। समस्या का निकालना होगा समाधान एसोसिएशन के सभी पदाधिकारियों ने बताया कि विभागीय उच्चाधिकारियों के लिए विचारणीय विषय है। उन्हें शिक्षकों को अध्यापन में रत रखने समस्या का सार्थक समाधान निकालने की आवश्यकता है। शिक्षकों को विद्यार्थियों को अधिक से अधिक सिर्फ अध्यापन कार्य में ही संलग्न रखने की आवश्यकता है जिससे ही शैक्षिक सुधार एवं गुणवत्ता आ सकती है।