शहर के नवागांव वार्ड में गांव बनाने की परंपरा कायम, आधुनिकता की चकाचौंध में भी वार्डवासियों ने पंरपरा को रखा जीवित

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संस्कृति को निभाकर नवागांव ने पेश की एकता की मिसाल: हाशमी

धमतरी। नगर निगम क्षेत्र के नवागांव वार्ड में गांव बनाने की परंम्परा रीति रिवाज के साथ की  गई| यहां सभी समाज के लोग वार्ड के विकास, वार्ड के हितों के लिए एवं सामाजिक कार्यों में एकजुट होकर भाईचारा और एकता के साथ कार्य करते आ रहे है। गांव बनाने की पंरपरा निभाने एकत्रित हुए लोगो ने वार्ड के गंगा तालाब को साफ एवं स्वच्छ रखने में अपने दायित्वों को निभाने की बात कही और 25 जनवरी को नवागांव वार्ड में मड़ाई रखने का भी निर्णय लिया गया। बैठक के बाद वार्ड के बैगा ने एवं वार्ड के किसानों ने अपनी नई फसल के धान को रीति रिवाज के साथ गांव बनाने की परम्परा का निर्वहन किया।

बैठक में मुख्य रूप से वार्ड के पार्षद एवं नगर निगम जल विभाग के अध्यक्ष अवैश हाशमी, हाजी शकील अहमद गुड्डा, दिनेश साहू, नरेश ठाकुर, प्रीतराम यादव, हरीराम साहू, त्रिभुवन साहू, शरद साहू, सन्तोष साहू, साहिल अहमद, राजू नवरंग, बोधी राम साहू, योगेश साहू, मनोज साहू, संतोष यादव, रवि सोनवानी, नन्द लाल साहू, इक़बाल अहमद, शिव नवरंग आदि उपस्थित थे। पार्षद अवैश हाशमी ने कहा कि आधुनिकता की चकाचौंध में भी नवागांव वार्डवासियों ने अपनी संस्कृति को नहीं भुलाया और परंपरा को जीवित रखा| नवागांव को शहर में शामिल हुए वर्षों बीत गए, शहरी कल्चर के साथ यहां ग्रामीण परिवेश का अदभुत समावेश देखने को मिलता है। गांव बनाने की परंपरा का निर्वहन और मड़ई के आयोजन से साफ झलकता है यहां के लोगो को अपनी मिट्टी से बेहद लगाव है| मिट्टी से जुड़े होने के चलते ही लोग परम्परा को कायम रखे हुए है, यह सभी समाज के लोगो के बीच आपसी एकता और भाईचारे से संभव हो पाया है। शहर के अधिकांश युवा आज गांव बनाने की पंरपरा से अंजान है, वहीं नवागांव वार्ड में इस परंपरा का निर्वहन होने का असर है कि बच्चे भी अपनी संस्कृति व परंपरा से वाकिफ हो चुके है। श्री हाशमी ने कहा कि आगे भी पूरा प्रयास किया जाएगा कि इसी तरह समाजिक एकता की मिसाल पेश करते हुए नवागांव वार्ड में गांव बनाने की परंपरा व मड़ई का आयोजन निरंतर चलता रहे।