
धमतरी | सिहावा चौक स्थित जैन स्थानक भवन में महासती डॉ श्री बिंदुप्रभा जी म.सा. ठाणा 2 द्वारा मंगल प्रवचन दिया जा रहा है। जिसके तहत उन्होने कहा कि जिसका हृदय सरल और कोमल होता है| वहीं गुरुजनों का विनय करे सकता होता है| इससे अहंकार का नाश होता है। साध्वी डॉ. बिन्दु प्रभा ने कहा अहंकार को स्तब्धता कहा गया है| जिसका अर्थ है पत्थर के जैसी कठोरता। पत्थर टूट जाता पर झुकता नहीं, क्योंकि उसमें कोमलता नहीं होती है। विनम्र व्यक्ति हृदय एवं वाणी भी कोमल होता है । वह सभ्यता के नियमों अनुकुल रहता है। विनय ही जीवन में सबसे बड़ा आभूषण है| विनयवान व्यक्ति को सर्वत्र पूजा जाता है। इसलिए जिन्होंने जीवन में विनय को अपनाया है, उनका जीवन महान बन जाता है। प्रवचन का श्रवण करने बड़ी संख्या में जैन समाजजन उपस्थित रहे।