धमतरी| भारत की सनातन धर्म, सभ्यता व संस्कार में पति को परमेश्वर का दर्जा दिया गया हैपति और पत्नी के रिश्ते को हमारे विभिन्न पर्व प्रगाढ़ता प्रदान करते हुए पवित्रता के ऊंचे सोपान पर स्थापित करते हैं। इन्हीं पर्वों में एक महत्वपूर्ण पर्व करवा चौथ है, जिसमें दिनभर पत्नी व्रत रखते हुए रात को भगवान चंद्रदेव के दर्शन कर अपना व्रत तोड़ती है| इस व्रत का महत्वपूर्ण उद्देश्य व्रती महिला के पति दीर्घायु, सुखी व समृद्धशाली रहे तथा भारतीय परंपरा व संस्कृति के अनुरूप पति व पत्नी के संबंधों में हमेशा मधुरता रहते हुए गृहस्थ की गाड़ी को चलाते हुए पारिवारिक सुख शांति, सपन्नता की चरम ऊंचाई पर ले जाएं।
क्षेत्र की जनप्रतिनिधि रँजना साहू ने भी अपनी परंपरा व संस्कृति,धार्मिक संस्कार को अपने से जोड़ते हुए विभिन्न महिलाओं के साथ करवा चौथ की पूजा अर्चना कर क्षेत्र की सभी महिलाओं को इस पर्व की बधाई देते हुए कहा कि हमारा सनातन धर्म एकमात्र भारतीय संस्कृति है, जहां पति पत्नी के रिश्ते को एक संस्कार के रूप में समाज मानता है। अपने धर्म पूर्वजों द्वारा स्थापित परंपरा को मजबूती प्रदान करते हुए आने वाली पीढ़ी को संस्कार की सीख हमारा धर्म सीखाता है और यही निर्वहन करने की प्रेरणा हमारे तीज त्यौहार देते हैं। विधायक श्रीमती साहू ने आगे कहा कि कोविड-19 के इस भीषण दौर में व्रत करने वाली महिलाओं के दिल से निकली हुई दुआ, भगवान से मांगी हुआ आशीर्वाद तथा आस्था व श्रद्धा के साथ की गई पूजा-अर्चना समाज को इस भीषण महामारी से बचाने के लिए कारगर साबित होगी |विधायक ने आगे सभी मातृ शक्तियों को करवा चौथ की बधाई व शुभकामनाएं दी है। क्षेत्र के सभी लोगो के जीवन में खुशहाली की प्रार्थना ईश्वर से की है|