उदंती सीतानदी टायगर रिजर्व को निरस्त कराने तक संघर्ष जारी रहेगा नगरी | भाजपा नेत्री व जिला पंचायत सदस्य अनिता ध्रुव ने कहा कि सिहावा विधानसभा क्षेत्र की विधायक डॉ.लक्ष्मी ध्रुव ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को जो पत्र लिखा है वह संदेह को जन्म दे रहा है क्योंकि विधायक द्वारा मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा गया है कि आजादी से अब तक मूलभूत सुविधा बिजली, पानी, सड़क पुल-पुलिया से वंचित क्षेत्र के लोग काफी परेशान हैं। दूसरी बात यह कहती है कि अभयारण्य क्षेत्र में मूलभूत सुविधा प्रदान किया जाना अतिआवश्यक है। तीसरी बात में जिक्र किया गया है कि अभयारण्य क्षेत्र की आबादी को वहां से हटाया जाना है| ऐसी स्थिति में विस्थापन की कार्यवाही पर शीघ्र विचार किया जावे।
अनिता ध्रुव ने विधायक द्वारा मुख्यमंत्री को लिखे 29 – 06 – 2020 के पत्र क्रमांक-क्यू दिखाते हुए कि उनके द्वारा 10 बिन्दु में बुनियादी सुविधा की मांग नही की गई है। गौरतलब है कि विधायक द्वारा उदंती सीतानदी टायगर रिजर्व क्षेत्र के 34 गांव को विस्थापन के पश्चात मूलभूत सुविधा देने की मांग की गई है। जबकि अनिता ध्रुव ने विस्थापन रोकने और मूलभूत सुविधा देने की मांग तथा जब बाघ ही नहीं तो विस्थापन क्यो इसलिए उदंती सीतानदी टायगर रिजर्व को निरस्त करने की मांग की है। जिला पंचायत सदस्य अनिता ध्रुव ने 28 अक्टूबर को बहीगांव में हुई बैठक में लोगों की समस्या सुनी फिर आगे की कार्यवाही के लिए कदम उठायी । बैठक में क्षेत्रीय ग्रामीण मयाराम नागवंशी, हेमलाल मरकाम, संतोष कुमार मरकाम, ओमप्रकाश नेताम,रविशंकर नेताम, बिरबल पदमाकर, बिदेराम मरकाम, बुधराम साक्षी, मनोज साक्षी, उमेशचंद्र देव, धिराज सलाम, भगवान सिंह नेताम, कोमल दास मानिकपुरी, सुबरन सिंह, फगनु राम, प्रभुलाल, विनीत नेताम, भादुराम, सुकलाल, अनिल कुमार, जालम सिंह, बृजलाल, देवसिंह, अंजोरसिंह मरकाम, संतराम वट्टी, ओम कुमार, जगेश्वर मरकाम, चमर सिंग, लव कुमार, हिम्मत सिंह, शोभाराम सहित काफी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।
सभी की बातों और भावनाओं का ख्याल रखकर विस्थापन रोकने की मांग की गई है। अनिता ध्रुव ने आगे कहा कि वह सिर्फ विधायक द्वारा लिखे गये मुख्यमंत्री के पत्र के बारे में प्रकाश डाला है न कि किसी समिति के जिला अध्यक्ष के बारे में कोई टिप्पणी की है। वन समिति के जिला अध्यक्ष द्वारा विधायक को क्या पत्र लिखा गया है उसे मैं नही जानती। उन्होंने आगे कहा कि यह उदंती सीतानदी टायगर रिजर्व के लगभग 40 हजार जनता की जिन्दगी का सवाल है। जब तक उदंती सीतानदी टायगर रिजर्व को निरस्त नहीं किया जाता और क्षेत्र के गांवों को मूलभूत सुविधा नहीं दी जाती तब तक मेरा संघर्ष जारी रहेगा।