वर्धमान स्थानकवासी संघ द्वारा आजादी के 75 वी वर्षगांठ पर किया गया ध्वजारोहण

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बच्चों ने धारण की स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की वेशभूषा
स्नेह, संगठन, सहयोग, समर्पण समाजिक जीवन के चार मुख्य महाप्रण है – डॉ श्री बिंदुप्रभा जी म.सा.
धमतरी | सिहावा चौक स्थित  जैन स्थानक भवन में वर्धमान स्थानकवासी संघ द्वारा आजादी के 75 वी वर्षगांठ पर ध्वजारोहण संघ के संरक्षक मदनलाल चौरडिय़ा द्वारा किया। इस दौरान विहान जैन, संभव जैन, तिथि पारख, नीति पारख, अंश राखेचा, वर्णित राखेचा, प्रिंयक जैन, नीति लोढ़ा, ऋषभ जैन, पर्व जैन आदि बच्चों ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की वेशभूषा धारण किया। बरसते पानी में भी आजादी का पर्व मनाने बच्चों का उत्साह कम नहीं हुआ। ध्वजारोहण के अवसर पर बसंत ओस्तवाल, नेमीचंद छाजेड़, अविनाश चौरडिय़ा, डारेन्द्र गोलछा, प्रकाशचंद रायसोनी, प्रेमचंद मिन्नी, कमलेश कोटरिया, रमन लोढ़ा, मीना लुंकड़, गौरी लोढ़ा, लक्ष्मी गोलछा, गौरी चौरडिय़ा, मनीषा लुनिया, प्रीति राखेचा, सोनू भंसाली सहित समाजजन उपस्थित रहे।

ध्वजारोहण पश्चात स्थानक भवन में महासती डॉ श्री बिंदुप्रभा जी म.सा. ठाणा 2 द्वारा मंगल प्रवचन दिया गया। उन्होने उपस्थित जनों स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी। और कहा कि समाजिक महाप्रण मुख्यत: चार प्रकार के होते है। जिससे समाजिक जीवन को व्यवस्थित बनाया जा सकता है। पहला स्नेह, हमे सभी के साथ स्नेह का भाव रखना चाहिए। हमारा व्यवहार दूसरों के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। दूसरा संगठन, समाज में प्रत्येक कार्य संगठन के साथ किया जाये तो वह कार्य अवश्य ही सफल होता है। तीसरा सहोयग, समाज के प्रत्येक सदस्य के प्रति हममे सहयोग, दया, करुणा की भावना होनी चाहिए। जिससे सभी के सहयोग से देश की प्रगति में सहयोग प्रदान किया जा सकता है। चौथा समर्पण, देश, राष्ट्र, धर्म के प्रति समर्पण की भावना होनी चाहिए। तन-मन-धन से देश का नवनिर्माण कर सकते है। मंच संचालन वंदना चौरडिय़ा ने किया। उन्होने कहा कि बच्चों को बचपन से ही धर्म व देशभक्ति के संस्कार दिये जाने चाहिए, ताकि वे बड़े होकर समाज, देश, गुरु व माता-पिता का नाम रौशन कर सके। प्रवचन के पश्चात स्वत्रतंता दिवस के मौके पर मदन लाल अविनाश कुमार चौरडिय़ा परिवार द्वारा बूंदी, सेव की प्रभावना वितरित की गई। प्रवचन का श्रवण करने बड़ी संख्या में जैन समाजजन उपस्थित रहे।