
कुपोषण मुक्त नगरी की ओर बड़ा कदम : सांकरा में वृहद स्वर्ण प्राशन अभियान संपन्न, महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा बाल संदर्भ योजना और स्वास्थ्य विभाग द्वारा निःशुल्क स्वास्थ्य जांच कैम्प भी लगाया गया
धमतरी | धमतरी जिले के वनांचल नगरी ब्लॉक के ग्राम सांकरा में आज आयुर्वेद, स्वास्थ्य और महिला एवं बाल विकास विभाग के संयुक्त तत्वावधान में वृहद स्वर्ण प्राशन, स्वास्थ्य जांच और बाल संदर्भ कैम्न का आयोजन किया गया। कलेक्टर श्री अबिनाश मिश्रा के निर्देश में आयोजित इस कार्यक्रम में कमार जनजाति के बच्चों सहित कुल 2213 बच्चों को स्वर्ण प्राशन कराया गया। वहीं 609 हितग्राहियों को आयुर्वेद चिकित्सा और 201 हितग्राहियों को होम्योपैथिक उपचार से लाभान्वित किया गया। स्वास्थ्य विभाग द्वारा 810 हितग्राहियों का निःशुल्क स्वास्थ्य जांच और दवाईयां वितरित की गईं। इनमें 267 महिलाएं, 242 पुरूष, 145 बालक और 156 बालिकाएं शामिल हैं। इसी तरह महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा बाल संदर्भ योजना के तहत कुपोषित एवं मध्यम कुपोषित बच्चों की स्वास्थ्य जांच कराई गई तथा बच्चों के पालकों को पूरक पोषण आहार और स्वास्थ्य जांच के लिए परामर्श आदि दी गई। जिले के अन्य केंद्रों में भी 1507 बच्चों को स्वर्ण प्राशन कराया गया। आयुर्वेद में वर्णित मुख्य 16 संस्कारों में स्वर्ण प्राशन को अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। जैसे आधुनिक चिकित्सा में वैक्सीन द्वारा बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाई जाती है, ठीक उसी प्रकार आयुर्वेद में वैदिक काल से ही स्वर्ण प्राशन संस्कार को बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की आयुर्वेदिक इम्यूनाइजेशन प्रक्रिया के रूप में अपनाया जाता रहा है। कार्यक्रम में विधायक श्रीमती अंबिका मरकाम ने कहा कि आयुष विभाग, स्वास्थ्य और महिला एवं बाल विकास विभाग ने समन्वय के साथ उत्कृष्ट कार्य किया है। उन्होंने ऐसे कार्यक्रमों के लिए शासन द्वारा आवश्यक आर्थिक सहयोग की भी बात कही। जिला पंचायत अध्यक्ष श्री अरुण सार्वा ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का लक्ष्य है कि आयुर्वेद को देश की प्रथम चिकित्सा पद्धति के रूप में स्थापित किया जाए। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा गुजरात में ग्लोबल सेंटर ऑफ ट्रेडिशनल मेडिसिन की स्थापना इसी दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने सभी से सामूहिक प्रयासों द्वारा आयुर्वेद को जन-जन तक पहुंचाने का आह्वान किया। कुपोषण मुक्त नगरी अभियान के अंतर्गत आयोजित इस कार्यक्रम में आयुष विभाग ने महिला एवं बाल विकास तथा स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर व्यापक तैयारी की। साथ ही जिले के 36 आयुष संस्थानों में प्रत्येक पुष्य नक्षत्र से स्वर्ण प्राशन प्रारंभ करने की घोषणा की गई। इस अवसर पर सभी अभिभावकों से नियमित रूप से बच्चों को स्वर्ण प्राशन कराने की अपील की भी की गई। जिला आयुष अधिकारी श्री अवध पचौरी ने बताया कि आचार्य कश्यप सहित अन्य आयुर्वेदाचार्यों ने जिन द्रव्यों का उल्लेख किया है, वे बच्चों की पोषण क्षमता बढ़ाने, कुपोषण दूर करने तथा मन-मस्तिष्क के विकास के लिए उपयोगी माने गए हैं। स्वर्ण प्राशन के द्रवण में स्वर्ण भस्म, शुद्ध शहद, गाय का घी, अश्वगंधा, वचा, शंखपुष्पी और ब्राह्मी प्रमुख तत्व हैं। इस अवसर पर डॉ. रवीन्द्र वर्मा सहित स्वास्थ्य एवं महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी-कर्मचारी और बड़ी संख्या में आंगनबाड़ी के बच्चे तथा स्कूली विद्यार्थी उपस्थित रहे।





