राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने मनाया प्रहार दिवस

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1971 की जंग में पाकिस्तान पर भारत की जीत के योद्धाओं को किया नमन
प्रहार यज्ञ करके वीर शहीदों को दी श्रद्धांजलि

धमतरी। सन् 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच यादगार जंग हुई थी। यह जंग भारत पर पाकिस्तान ने थोपी थी। इसके बाद भी भारतीय वीर योद्धाओं ने अपनी वीरता का परिचय देते हुए 16 दिसंबर 1971 को 93,000 से अधिक पाकिस्तानी सैनिकों को सामूहिक रूप से आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर कर यह जंग जीती थी। इस जंग में भारत के 3000 जवान शहीद हुए थे वहीं 12,000 वीर सैनिक घायल हुए थे। आज भारत इन्हीं वीर योद्धाओं की याद में उन्हें श्रद्धांजलि स्वरूप इस दिवस को विजय दिवस के रूप में मनाता है। साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उन वीर योद्धाओं की वीरता को नमन करने प्रहार दिवस के रूप में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता है। इसी कड़ी में 16 दिसंबर शनिवार को धमतरी नगर की विभिन्न शाखाओं में स्वयंसेवकों ने शौर्य का प्रदर्शन करते हुए प्रहार दिवस पर एक घंटे की शाखा में हजारों प्रहार मारकर अपने शहीद जवानों को वीर श्रद्धांजलि दी।

प्रहार दिवस के अवसर पर सुबह पौने 6 बजे कड़कड़ाती ठंड में आरएसएस के स्वयंसेवक नगर की विभिन्न शाखाओं में संपत्त हुए। भगवा ध्वज लगने के बाद सुबह 6 बजे से 7 बजे तक लगातार स्वयंसेवकों ने दण्ड प्रहार का गिनती के साथ अभ्यास किया। तत्पश्चात सभी ने अपनी-अपनी शाखा के मुख्य शिक्षक और शाखा कार्यवाह को आंकड़े नोट करवाए। शिवाजी प्रभात शाखा नूतन स्कूल में 3500 प्रहार, जगत जननी रिसाई माता शिशु मंदिर आमातालाब रोड में 8176, मां विंध्यवासिनी प्रभात शाखा एकलव्य खेल मैदान में 7562, भामाशाह शाखा साहू सदन में 11823 और श्रीराम प्रभात शाखा सोरिद के स्वयंसेवकों ने 16226 प्रहार ,शिव शक्ति शाखा जालमपुर में 25000 प्रहार व अन्य शाखा मिलकर प्रहार मारकर अपने शौर्य का प्रदर्शन किया। इस तरह पूरे धमतरी नगर में 70706 प्रहार मारे गए।
यह जानकारी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नगर प्रचार प्रमुख उमेश सिंह बशिस्ट ने दी है।