राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय, की ओर से 17 वे सांख्यिकी दिवस का आयोजन

73

रायपुर| पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपती प्रोफेसर सच्चिदानंद शुक्लने कहा की, सांख्यिकी के अलावा अनुसंधान का कोई भी कार्य पुरा करना असंभव है। समरेखन, विश्लेषण और सिद्धांत यह अनुसंधान के प्रमुख अंग है, और सिद्धांत तक पहुंचने के लिए सांख्यिकी एक मात्र विकल्प है।


केंद्र सरकार के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय, क्षेत्र संकार्य प्रभाग की ओर से आयोजन किये गये 17 वे सांख्यिकी दिवस समारोह में मुख्य अतिथी के तौर पर वह मौजुद थे। उन्होंने कहा की, सामाजिक क्षेत्र से लेकर किसी भी अंतराल जैसे वैज्ञानिक क्षेत्र के अनुसंधानमें सांख्यिकी का योगदान महत्त्वपुर्ण है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के उप महानिदेशक श्री रोशनलाल साहू ने की। विशिष्ट अतिथी के रूपमें अर्थशास्त्री डॉक्टर हनुमंत यादव, पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय की सांख्यिकी अध्ययन कला शाला के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर व्यास दुबे, अर्थशास्त्र अध्ययन शाला विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर रवींद्र ब्रह्मे मौजुद थे।
अपने भाषणमें उपमहानिदेशक साहू ने बताया की, स्वतंत्रता के बाद सामाजिक- आर्थिक योजना तथा निती- निर्माण के क्षेत्र में प्रसिद्ध सांख्यिकीविद प्रोफेसर प्रशांत चंद्र महालानोबीस का काफी बडा योगदान रहा है। उनके इस योगदान को ध्यान मे रखते हुए भारत सरकार प्रतिवर्ष उनका जन्मदिन 29 जून राष्ट्रीय स्तर पर सांख्यिकी दिवस के रूप मे मनाता है। इस दिन का उद्देश आम नागरिक- छात्रोंमें एवं सामाजिक- आर्थिक नियोजन और निती- निर्माण में सांख्यिकी के महत्व के प्रति जागरूकता पैदा करना है। उन्होने यह भी बताया की,  इस वर्ष के सांख्यिकी दिवस का विषय सतत विकास लक्ष्यों की निगराणी के लिए राज्य संकेतक ढाचे को राष्ट्रीय संकेतक ढांचे के साथ संरेखण  निर्धारित किया गया है।
विशिष्ट अतिथी के रूप में सभा को संबोधित करते हुए प्रोफेसर रवींद्र ब्रम्हेने निरंतर विकास लक्ष्य के बारेंमें जानकारी दी। उन्होंने बताया की, इसके अंतर्गत विभिन्न लक्ष्यों और उद्देशोंके प्राप्ती के लिए राष्ट्रीय सूचकांक ढांचा के माध्यमसे निरंतर समिक्षा की जा रही है।
प्रोफेसर व्यास दुबे ने अपने भाषण में महालानोबिस के जीवन वृत्त, उनके कार्य, उनकी उपलब्धिययाँ तथा देश के विकास में उनके योगदान पर विस्तार से प्रकाश डाला। सांख्यिकी सांख्यिकी दिवस के अवसर पर प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया था, इस प्रतियोगिता में विजेताओं को अतिथियों के हाथों पुरस्कृत किया गया।