राज्य कोरोना के साथ ही, आर्थिक आपातकाल के दौर से गुजर रहा है-रँजना साहू

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धमतरी- देश में सर्वत्र जब वैश्विक महामारी कोरोना के कारण भय का वातावरण निर्मित है, ऐसे में प्रदेश के भूपेश बघेल की सरकार शराब दुकानों को खोल कर लंबी-लंबी लाइन लगवाते हुए इस महामारी को फैलने के लिए आमंत्रण दे रही है। जिससे करोडों मानव जीवन संकट मे आ गया है। उक्त बाते विधायक रँजना डीपेन्द्र साहू ने, शराब दुकानों के खोले जाने के पश्चात उत्पन्न बदहाल

व्यवस्था के बाद कही है। ऊन्होने आगे रोष व्यक्त करते हुए कहा है कि, प्रदेश सरकार जनता का रक्षक ना बनते हुए भक्षक की भूमिका में शराब बेचने का व्यापार कर रही है। जनता का विश्वास प्रदेश सरकार से उठ चुका है, नैतिकता के नाते भूपेश बघेल को प्रदेश की सरकार के मुखिया के रूप में चन्द् मिनट भी बने रहने का अधिकार नहीं है, अब उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। प्रदेश की आर्थिक स्थिति खोखला हो चुकी है, ऐसे में प्रदेश के जिम्मेदार लोगों के द्वारा अधोसंरचना कोश की भरपाई करनी है तो शराब के दरों में ₹10 रूपये की वृद्धि करने का आदेश प्रसारित करना, आर्थिक दिवालियापन को दर्शाता है, जिससे मानसिक दिवालिया भी हो गई हैं सरकार। पहले भी सरकार कर्ज के बोझ तले छत्तीसगढ़ की जनता को इतनी दबा चुकी है कि अब उससे उबर पाना संभव नहीं है ऐसे में केंद्र सरकार को आर्थिक आपातकाल प्रदेश में लगाकर कोरोना महामारी के इस भयंकर दौर से आम जनता को राहत देने के लिए आगे आना चाहिए।
पूर्ण शराबबंदी का सब्जबाग दिखाकर प्रदेश सरकार की बागडोर हथियाने वाले भूपेश बघेल की सरकार गांव-गांव गली-गली में कोचिंयों के माध्यम से शराब बिकवा रही है। प्रशासनिक तंत्र शराब की दुकान में ड्यूटी निभा रहे हैं, ऐसे में कोरोना महामारी के बचाव करने में कहीं ना कहीं अधिकारी कर्मचारियों का मानसिक ह्रास हो रहा है। घरों में परिवारिक व्यवस्था चरमरा गई है, पूर्ण शराबबंदी की बात जो कांग्रेस के घोषणा पत्र में उल्लेखित था उसके बाट जो रही है , यह महिलाएं।
अपनी विनाश काले विपरीत बुद्धि को हमारी जनता के जान का खिलवाड़ करने का आधार ना बनाया जाए।