
भवन निर्माण में लगे श्रमिक की बिजली करंट से मौत का मामला
नगरी | ग्राम बोकराबेड़ा में सामुदायिक भवन निर्माण कार्य करते समय बिजली करंट की चपेट में आने से मृतक आत्माराम के परिजनों को एक करोड़ मुआवजा राशि देने की मांग भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा की जिला अध्यक्ष महेंद्र नेताम ने की है। युवक आत्माराम अपने मां-बाप का एकलौता कमाऊ पुत्र था, उनकी डेढ़ साल की छोटी बच्ची है। अब पत्नी का भी सहारा छिन गया, साथ ही एक विवाह योग्य छोटी बहन भी है। इन सभी की परवरिश की जिम्मेदारी आत्माराम पर थी। उक्त कार्य में नियमों को ताक पर रखकर कार्य में लगे ठेकेदार के खिलाफ सख्त से सख्त कड़ी कार्रवाई करते हुए ठेकेदार के खिलाफ एफ आई आर दर्ज कर कार्रवाई की मांग उन्होंने की है।
स्थल निरीक्षण करने के बाद पाया गया कार्य में घोर लापरवाही बरती गई है इसमें तकनीक की भी घोर लापरवाही दिख रही है । नियमानुसार कार्य प्रारंभ करने से पूर्व सूचना फलक का निर्माण नहीं किया गया है। निर्माण स्थल से लगा हुआ बिजली का मेन लाइन गुजरी है जो नियमों का खुला उल्लंघन है। कार्य प्रारंभ करने से पूर्व बिजली बंद करने की सूचना नहीं दी गई थी। साथ ही बिजली तार से भवन की दूरी का भी ध्यान नहीं दिया गया। इसमें प्रशासन की लापरवाही भी दिख रही है प्रशासनिक लापरवाही का परिणाम है एक जवान बेटा मौत के मुंह में समा गया । साथ ही ठेकेदार को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से एवं प्रशासनिक अधिकारियों के संरक्षण में सीमेंटेड ईंट के बजाय लाल ईंट से भवन निर्माण किया जा रहा है जो कि शासन के नियमों का अनदेखी एवं सीधा सीधा उल्लंघन है।
छत्तीसगढ़ के मुखिया अन्य प्रदेश में जाकर श्रेय लेने के लिए वहां के निवासियों के लिए पचास लाख की घोषणा करते हैं, जबकि छत्तीसगढ़ में खासकर पांचवी अनुसूचित क्षेत्र आदिवासी परिवार की मुखिया के मृत्यु पर न तो आज तक संबंधित क्षेत्र के विधायक पहुंची है और ना ही जिला प्रशासन का कोई अधिकारी अभी तक नहीं पहुंचे हैं। यह प्रशासनिक घोर लापरवाही का परिणाम है। आदिवासियों को भगवान भरोसे छोड़कर मौत के मुंह में ढकेला जा रहा है।
जिलाध्यक्ष महेन्द्र नेताम ने कहा है कि मृतक आत्माराम के परिजनों को यदि एक करोड़ मुआवजा राशि नहीं दी गई और संबंधित ठेकेदार के विरुद्ध एफ आई आर कर कड़ी कार्यवाही नहीं की गई तो अजजा मोर्चा आदिवासी समाज के साथ वाजिब हक के लिए सत्याग्रह के लिए बाध्य होगी।