
नए वर्ष के पहले सप्ताह का सबसे बड़ा उलटफेर, गत वर्ष की सबसे मजबूत टीम मुख्यमंत्री ट्रॉफी विजेता पहले मैच में ही हारी, निगम क्षेत्र के अधारी नवागांव की टीम को ग्रामीण संबलपुर ने हराया क्रिकेट के पंडित,समीक्षक,आयोजक, समायोजक, दर्शक सभी अचंभित |
धमतरी | मिशन मैदान में आनंद पवार फैंस एवं मॉर्निंग क्रिकेट क्लब के तत्वावधान में आयोजित मुख्यमंत्री ट्रॉफी के लीग मैचों की शुरूआत 6 जनवरी शुक्रवार शाम 6 बजे हुई,जिसमें रोमांच अपने चरम पर रहा,पहले ही मैच के परिणाम ने यह सिद्ध कर दिया कि क्रिकेट को अनिश्चितताओ का खेल क्यों कहा जाता है,संयोग कुछ ऐसा बना कि देखने वालों ने दांतो तले ऊंगलियां दबा ली।
5 जनवरी से शुरू हुई मुख्यमंत्री ट्रॉफी में जब नागरिक एकादश और नगर निगम एकादश की भिड़त हुई,तब शायद किसी को लगा नही था कि जब मुख्य प्रतियोगिता का आगाज़ होगा तो सारा नज़ारा ही बदल जाएगा।
शुक्रवार की शाम जब मिशन मैदान दूधिया रौशनी से नहाया नज़र आ रहा था,प्रतियोगिता में हिस्सेदारी कर रही सभी टीमों के खिलाड़ी धीरे-धीरे जमा हो रहे थे,सभी टीमों को तो पहले ही अलग-अलग ग्रुप्स में बांट दिया गया था,अब समय था यह करने का की कौन सी टीम को कौन सी पोशाक मिलने वाली है,इस पर कोई विवाद ना हो इसलिए आयोजन समिति द्वारा तय किया गया कि सभी ग्रुपों के नाम पर्ची में लिखकर लकी ड्रा के माध्यम से तय किया जाएगा कि कौन सी पोशाक किस टीम को मिलेगी।इस अवसर पर धमतरी के वरिष्ठतम खिलाड़ियों को मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया गया था,जिसमें धमतरी के पीजी कॉलेज में खेल शिक्षक के रूप में पदस्थ रह चुके अप्पा राव थिटे जिन्हें लोग थिटे सर के नाम से जानते हैं साथ ही जितेंद्र सिंह खालसा,प्रवीण कुमार लाल,वालेश चरण ,देवेंद्र नन्दा राजेश मल्होत्रा,रंजीत छाबड़ा एवं शंकर ग्वाल ने मंच की शोभा बढ़ाई,आयोजन समिति द्वारा उनका पुष्प गुच्छ देकर उनका स्वागत किया गया एवं आयोजन पर अपने विचार रखने का आग्रह किया गया,सभी ने आयोजन समिति को बधाई देते हुए अपने खिलाड़ी जीवन के समय को याद करते हुए,खेलों पर अपने अनुभव उपस्थित खिलाड़ियों और दर्शकों से साझा किए,इसके बाद आयोजन समिति द्वारा टीम की पोशाक चयन प्रकिया शुरू की गई,जिसमें दो अलग-अलग पर्चियों में एक में पोशाक का रंग और दूसरी में टीम के ग्रुप के अनुरूप नाम लिख दिये गए,अतिथियों द्वारा जिस टीम के नाम की पर्ची के साथ जिस रंग की पर्ची निकली गई उसी उस टीम को आवंटित कर दिया गया और सभी टीमों को अपनी अपनी पोशाक पहन तैयार होकर मैदान में आने के लिए निर्देशित किया गया,जब सभी टीमें मैदान में पहुँचकर क्रमबद्ध ढंग से खड़ी हो गई तब क्रमशः राष्ट्रगान एवं राजगीत के साथ प्रतियोगिता की शुरुआत की गई।
सभी खिलाड़ियों ने पूरी तरह तैयार होकर मैदान के चारों ओर कतारबद्ध होकर दौड़ते हुए दर्शकों और अतिथियों का अभिवादन किया,दूधिया रौशनी में अलग अलग रंग की पोशाकों में दौड़ते खिलाड़ियों का यह दृश्य अविस्मरणीय रहा।इसके बाद यह तय किया जाना था कि प्रतियोगिता का पहला मैच किन दो टीमों के बीच खेला जाना है,इस मैच को और अधिक रोमांचक बनाने के लिए इस मैच के विजेता को 5000 रुपये नकद का एक विशेष पुरुस्कार भी रखा गया था, इसलिए एकबार पुनः पर्चियों के माध्यम से लकी ड्रा निकाल कर इसे तय करने का निर्णय लिया गया।सबसे पहले चार पर्चियों में चारो ग्रुप्स के नाम लिखे गए जिससे यह तय हुआ कि कौन से ग्रुप की टीमों के बीच पहला मैच खेला जाएगा,जिसमें ग्रूप डी का नाम सामने आया जिसमें नवागांव,आमदी,संबलपुर,नयापारा और पोस्टऑफिस वार्ड टीमें है,इसके बाद पहली टीम की नाम की पर्ची प्रतियोगिता के संयोजक आनंद पवार ने निकाली जिसमें नवागांव का नाम सामने आया,वहीं दूसरी टीम की पर्ची निकलने के लिए नयागांव के कप्तान शुभम साहू को बुलाया गया,जिसका परिणाम संबलपुर के रूप में सामने आया,बता दें की संबलपुर वही टीम है जिसके पिछले वर्ष के शानदार प्रदर्शन के चलते उसे सीधे मुख्य प्रतियोगिता में स्थान दे दिया गया था,वहीं नवागांव की टीम ने पिछली बार प्रतियोगिता जीत कर इस ख़िताब मुख्यमंत्री ट्रॉफी को अपने नाम किया,मैदान में उपस्थित लोगों को बिल्कुल भी अंदाज़ा नही था कि इस बार पहले मैच में ही इतना अधिक रोमांच देखने को मिलेगा।
संबलपुर की टीम ने टॉस जीतकर पहले क्षेत्ररक्षण का निर्णय लिया,नवागांव की ओर से कप्तान शुभम और अजय की जोड़ी ने पारी की शुरुआत और पहले 2 ओवर में शानदार बल्लेबाजी करते हुए 21 रनों की साझेदारी की लेकिन संबलपुर की ओर से तीसरा ओवर लेकर आए भूपेंद्र ने अपनी गेंदबाजी में नवागांव के दो खिलाड़ियों को फंसा लिया और यहाँ से उनकी रनगति पर अंकुश लगाना शुरू किया,इसके बाद बची कसर संबलपुर के कप्तान खिलेश्वर ने पूरी कर दी उन्होंने 2 ओवर में मात्र 4 रन देकर नवागांव के चार खिलाड़ियों को चलता किया और नवागांव की टीम निर्धारित 10 ओवर से 2 गेंद पहले ही अपने सारे विकेट खोकर 64 रनों का लक्ष्य संबलपुर के सामने रखा।संबलपुर ने पहले ओवर में ही 11 रन बनाकर बता दिया कि वो मैदान में जीतने के इरादे से ही उतरी है, लेकिन दूसरे ओवर में ही संबलपुर का पहला विकेट लेकर नवागांव ने अपनी धाक जमाएं रखने का दावा किया,संबलपुर ने अपनी शैली को आक्रमक से बदलते हुए संतुलित किया और परिमाण यह रहा कि उसने निर्धारित लक्ष्य 9 ओवर में ही अपने 5 खिलाड़ियों के एवज में पार कर लिया और प्रतियोगिता के प्रथम मैच की विजेता के रूप में सामने आई,इस परिणाम के बाद नवागांव समर्थकों सहित शहर के खिलाड़ियों एवं दर्शकों के चेहरों में आश्चर्य और निराशा के मिले जुले भाव देखने को मिले वहीं सम्बलपुर के समर्थकों में उत्साह और खुशी देखने मिली,शहर की टीमों ने मिली जुली प्रतिक्रिया ने कहीं तुक्का कहीं तीर वाली कहावत को सच होते दिखाया।खिताब की प्रबल दावेदार मानी जा रही नवागांव की टीम की इस हार का उनके और अन्य टीमों के मनोबल में क्या प्रभाव पड़ता है यह देखने वाली बात होगी।आज हुए इस उलटफेर ने मुख्यमंत्री ट्रॉफी के रोमांच को और बढ़ा दिया है।