रायपुर| राज्य शासन की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना से न केवल गांव के गोपालको, ग्रामीण एवं किसानों को अतिरिक्त आय का जरिया प्राप्त हुआ है, बल्कि इससे वर्मी खाद का निर्माण कर स्व सहायता समूह की महिलाएं लाखों रूपए की आमदनी अर्जित करने लगी है। सुराजी योजना के तहत गांव में स्थापित गौठानों में वर्मी खाद के निर्माण में काफी तेजी आयी है। इसका मुख्य कारण गोधन न्याय योजना है, जिसकी वजह से गौठानों में रोजाना सहजता से बड़ी मात्रा में गोबर की उपलब्धता है। महिला समूह गौठानों में क्रय किए जा रहे गोबर से अब बड़े पैमाने पर वर्मी खाद तैयार करने लगी है, जिसे शासन के विभिन्न विभागों सहित आसपास के किसान रबी फसलों में उपयोग के लिए क्रय करने लगे हैं।
वर्मी खाद के उपयोग को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ी है। इससे आने वाले समय में भूमि में उर्वकता और फसल उत्पादक बेहतर होने की उम्मीद जगी है।कोरिया जिले में गौठानों से जुड़े 135 महिला स्व सहायता समूह ने वर्मी खाद निर्माण को आजीविका की जरिया बना लिया है। समूह पूरे मनोयोग से वर्मी खाद का बड़े पैमाने पर उत्पादन करने में जुटे हैं। जिले की विकासखंड सोनहत के अंतर्गत गौठान ग्राम घुघरा, पोंडी, सलगंवाकला के स्वसहायता समूहों ने बीते दिनों 11 टन वर्मी खाद वन विभाग को विक्रय किया गया, जिसके एवज में उन्हें कुल 93 हजार 500 रू. की आमदनी समूह को प्राप्त हुई। इसी तरह अलावा विकासखंड मनेन्द्रगढ़ से भी संतोषी स्व सहायता समूह गौठान ग्राम रोझी द्वारा वन विभाग को 15 क्विंटल खाद विक्रय किया गया, जिससे समूह को कुल 12 हजार 400 रू. की आमदनी हुई है। शासन की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक गोधन न्याय योजना के अंतर्गत जिले में कुल 135 गौठानों में गौठान समिति द्वारा गौ-पालकों, किसानों एवं ग्रामीणों से दो रूपये प्रति किलो ग्राम की दर से गोबर क्रय किया जा रहा है। गौठानों से जुड़ी बिहान योजना की महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा वर्मी खाद का निर्माण किया जा रहा है। वर्तमान में जिले की 135 गौठानों में से 102 गौठानों में वर्मी खाद बनाया जा रहा है। इन समूहों द्वारा अब तक कुल 492 क्विंटल वर्मी खाद बनाया गया है, जिसमें से 344 क्विंटल वर्मी खाद का विक्रय किया गया है। इन समूहों के पास वर्तमान में और 148 क्विंटल खाद विक्रय हेतु उपलब्ध है। वर्मी खाद बेचने से समूहों को अब तक कुल 3 लाख 710 रूपये की आय हुई है। गौठानों में वर्मी खाद तैयार करने का सिलसिला जारी है। आगामी एक पखवाड़े के भीतर लगभग 1400 क्विंटल वर्मी खाद के उत्पादन की संभावना है।