स्वास्थ्य मंत्री ने डॉक्टर पटौंदा से ली बच्ची के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी
धमतरी । ट्यूबर कुलस मेनिनजाइटिस (मस्तिस्क में टीबी ) जैसी गंभीर बीमारी से जिन्दगी की जंग लड़ रही लक्ष्मी को आख़िरकार 90 दिनों के बाद होश आ गया | बच्ची के शरीर में हलचल होने लगी है | डाक्टरों की मेहनत रंग लाई जो बच्ची की जान बचाने मे कोई कसर नही छोड़ी | अब बच्ची की सेहत मे लगातार सुधार आने लगा है। यह करिश्मा देख माता पिता के चेहरे में खुशिया लौट आई है | सरोना के समाजसेवी नीलेश गोलछा ने बच्ची की बीमारी के बारे में जब स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव को जानकारी दी तो उन्होंने धमतरी के समाजसेवी पंकज महावर को बच्ची के स्वास्थ्य व अन्य जानकारी लेने भेजा। श्री महावर अस्पताल पहुंचकर डाक्टर पंटौदा की अपने मोबाईल से स्वास्थ्य मंत्री से बात कराई | श्री पटौंदा ने स्वास्थ्य मंत्री को बच्ची की बीमारी के बारे में बताया | मंत्री ने बच्ची के इलाज के लिए हरसंभव मदद की बात कही |
कांकेर जिले के ग्राम घोटिया निवासी पिंगलौतीन पति दयाल राम कोरेटी की 5 वर्षीय पुत्री लक्ष्मी कोरेटी 24 मई को अचानक झटके आने शुरु हुए| उन्हें उपचार के लिए कांकेर के कमल भंजदेव शासकीय अस्पताल ले जाया गया । वहां डाक्टरों ने स्थिति को गंभीर बताते हुए बच्ची को बेहतर उपचार के लिए धमतरी या रायपुर ले जाने की सलाह दी। परिजनों ने बच्ची को उसी दिन धमतरी मसीही अस्पताल लाया| बच्ची की स्थिति नाजुक थी, लेकिन बठेना अस्पताल के डॉक्टर संदीप पटौंदा व उनकी टीम ने बच्ची का उपचार किया। लगभग 90 दिनों तक बच्ची कोमा रही, आखिरकार डाक्टरों के अथक प्रयास से बच्ची को होश आ गया | अब उसकी स्थिति पहले से बेहतर है। स्वास्थ्य मंत्री के संज्ञान लेेने से कोरेटी परिवार में नई उम्मीद जगी है। मंत्री के संज्ञान लेने से प्रभावित परिवार ने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव, समाजसेवी पंकज महावर के प्रति आभार जताया है। बठेना अस्पताल में बच्ची की देखभाल बड़ी बहन रेवती कोरेटी कर रही है । चर्चा के दौरान उन्होने बताया कि जब से लक्ष्मी अस्पताल में भर्ती है। वे ही देखभाल कर रही है। उनके माता पिता परिवार चलाने मजदूरी करते है। इसलिए अस्पताल में समय नहीं दे पाते।
अस्पताल प्रबंधन ने की मदद
धमतरी मसीही अस्पताल के अधीक्षक डा. संदीप पटौंदा ने बताया कि लक्ष्मी को ट्यूबर कुलस मेनिनजाइटिस (मस्तिस्क में टीबी ) की बीमारी है | यह एक गंभीर बीमारी है | इसमें मरीज के मष्तिस्क में टीबी हो जाता है | डाक्टरों की टीम लगातार उनकी निगरानी कर रही है | बच्ची की सेहत में लगातार सुधार आ रहा है | लक्ष्मी की देखभाल कर रही रेवती ने बताया कि ईलाज में उनके शुरुआती दिनों में ही पैसे खत्म हो गये थे। ऐसे में निजी अस्पताल में उपचार का बोझ ज्यादा दिन कोरेटी परिवार सह नहीं पाया। परिवार के सदस्यों ने अस्पताल के अधीक्षक डाक्टर संदीप पटौंदा को इस बात की जानकारी दी। उन्होंने मानवता का परिचय देते हुए बिना पैसे के ईलाज करने की बात कही और तब से अब तक अस्पताल में लक्ष्मी का निशुल्क ईलाज किया जा रहा है | कोरेटी परिवार ने डा. संदीप पटौंदा व बठेना अस्पताल प्रबंधन के इस सहयोग के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया है।