
प्रति माह आठ से दस हजार रूपये की हो रही आमदनी
बड़ौदा स्वरोजगार विकास संस्थान धमतरी द्वारा प्रोजेक्ट उन्नति के तहत लिया मशरूम कल्टीवेशन का प्रशिक्षण
धमतरी । यदि व्यक्ति के मन में कुछ कर गुजरने की चाहत है तो वह मेहनत के बल पर असंभव को भी संभव कर सकता है। मनुष्य जीवन में हर व्यक्ति का एक सपना होता है कि वह अपनी जिंदगी में एक बड़ा मुकाम हासिल करें परंतु सिर्फ सपने देखने भर से ही मंजिल नहीं मिलती है। इसके लिए जीवन में मेहनत और संघर्ष भी करना पड़ता है। जो व्यक्ति इन कठिन राहों में आने वाली मुश्किलों का सामना करते हुए निरंतर आगे बढ़ते रहते हैं उसको एक न एक दिन कामयाबी जरूर मिलती है। यह कहानी है ग्राम झिरिया निवासी श्री सुनील कुमार पटेल की। धमतरी विकासखंड के ग्राम झिरिया जिला मुख्यालय से 22 किलोमीटर की दूरी में स्थित है। सुनील कुमार पटेल महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजनांतर्गत विगत 15 साल से मेट का कार्य कर रहे हैं। इस बीच बिहान समूह के माध्यम से जानकारी प्राप्त होने पर बड़ौदा स्वरोजगार विकास संस्थान धमतरी द्वारा प्रोजेक्ट उन्नति के तहत मशरूम कल्टीवेशन 05 दिवसीय प्रशिक्षण भी प्राप्त किया। प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपरांत मशरूम उत्पादन के अतिरिक्त घर के 40 डिसमील बाड़ी में सब्जी उत्पादन कर आत्मनिर्भर होने का सपना साकार किया। इसके पूर्व परिवार की स्थिति मजदूरी पर आश्रित था। बच्चों के परिवेश में दिक्कतें आ रही थी। ऐसे स्थिति में सब्जी उत्पादन कर आत्मनिर्भर होना भी सपने जैसा ही था। ग्रेजुएट तक पढ़ाई किये सुनील कुमार ने मशरूम उत्पादन से पांच हजार रूपये की आमदनी प्राप्त की तब उनकों लगा सब्जी उत्पादन से भी अधिक आमदनी अर्जित की जा सकती है। पुस्तैनी कार्य होने के कारण पत्नी श्रीमति रेखा पटेल ने पति के कार्य में सहयोग किया।
इस संबंध में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमति रोक्तिमा यादव ने बताया कि-महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजनांतर्गत 100 दिवस पूर्ण किये श्रमिक का बड़ौदा स्वरोजगार विकास संस्थान धमतरी द्वारा प्रोजेक्ट उन्नति के तहत मशरूम कल्टीवेशन का प्रशिक्षण दिया गया। इस तरह लाभान्वित हितग्राही आजीविका सृजन और संवर्धन से जीवन में निरंतर बदलाव आ रहा है। मनरेगा कार्य से जुड़कर आर्थिक रूप से सशक्त भी हुए। मशरूम उत्पादन के अतिरिक्त सब्जी उत्पादन से हितग्राही आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन रहे हैं।
आज सब्जी उत्पादन से सुनील कुमार प्रतिमाह आठ से दस हजार रूपये की आमदनी अर्जित कर दूसरों के लिए आत्मनिर्भरता की कहानी गढ़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि कठिनाइयों के दौर में भी परिवार का साथ नहीं छोड़ा। परिवार का सहयोग मिलने से सब्जी उत्पादन जैसे कार्य को निरंतर गति देकर आजीविका की दिशा में अग्रसर होते जा रहे हैं।