साहू परिवार ने क्षेत्रवासी की खुशहाली की कामना
धमतरी | विगत सात दिनों से रुद्री में चल रही श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के विश्राम दिवस पर कथा व्यास आचार्य श्री रामप्रताप शास्त्री जी महाराज ने विभिन्न प्रसंगों पर प्रवचन दिए। उन्होंने कहा कि सातवें दिन कृष्ण के अलग-अलग लीलाओं का वर्णन किया गया। सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए श्री शास्त्री जी ने बताया कि मित्रता कैसे निभाई जाए यह भगवान श्री कृष्ण सुदामा जी से समझ सकते हैं । उन्होंने कहा कि सुदामा अपनी प|ी के आग्रह पर अपने मित्र से सखा सुदामा मिलने के लिए द्वारिका पहुंचे। उन्होंने कहा कि सुदामा द्वारिकाधीश के महल का पता पूछा और महल की ओर बढ़ने लगे द्वार पर द्वारपालों ने सुदामा को भिक्षा मांगने वाला समझकर रोक दिया। तब उन्होंने कहा कि वह कृष्ण के मित्र हैं इस पर द्वारपाल महल में गए और प्रभु से कहा कि कोई उनसे मिलने आया है। अपना नाम सुदामा बता रहा है जैसे ही द्वारपाल के मुंह से उन्होंने सुदामा का नाम सुना प्रभु सुदामा सुदामा कहते हुए तेजी से द्वार की तरफ भागे सामने सुदामा सखा को देखकर उन्होंने उसे अपने सीने से लगा लिया। सुदामा ने भी कन्हैया कन्हैया कहकर उन्हें गले लगाया दोनों की ऐसी मित्रता देखकर सभा में बैठे सभी लोग अचंभित हो गए। कृष्ण सुदामा को अपने राज सिंहासन पर बैठाया हुआ। उन्हें कुबेर का धन देकर मालामाल कर दिया। जब जब भी भक्तों पर विपदा आ पड़ी है। प्रभु उनका तारण करने अवश्य आए हैं। श्री नरेन्द्र दीनदयाल कौशल साहू जी के शुभ संकल्प से चल रही सात दिवसीय कथा शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुई। श्री शास्त्री जी ने कहा कि जो भी भागवत कथा का श्रवण करता है उसका जीवन तर जाता है। इस अवसर पर साहू परिवार के आमंत्रण में आए गणमान्य लोगों का श्री शास्त्री जी ने माला पहनाकर सम्मानित किया। भागवत कथा समापन होने पर विशाल भंडारे का भी आयोजन किया गया था।।
कथा श्रवण करने पहुंचे प्रीतम साहू पूर्व विधायक बालोद, पूर्व विधायक रंजना साहू दीपेंद्र साहू डॉ दिनेश साहू , कन्हाई सिन्हा, बेनीवाल साहू,दिलीप कुमार, भानुप्रताप राजपूत, शकुन भाई ,रविंद्र साहू, तुलसीराम यादव ,सत्य प्रकाश मुंजवानी ,अशोक कुमार साहू, अवनेंद्र साहू,उमेश साहू, सुनील साहू, रामकुमार साहू, के के साहू,यशवंत साहू, रामेश्वर साहू,माधवेन्द्र हिरवानी, गजनंद साहू भुमिका देवी, अर्चना,साहू माया साहू,गुंजा साहू पूर्णिमा साहू मनिषा साहू, सहित बड़ी संख्या में कथा सुनने पहुंचे।