साल 2020 में अधिक मास पड़ने के कारण इस साल नवरात्र का त्योहार एक माह के विलंब से शुरू हो रहा है। 16 अक्टूबर को अधिक मास समाप्त होने के दूसरे दिन 17 अक्टूबर को नवरात्र पर्व का आगमन हो गया |
धमतरी | 9 दिनों तक चलने वाले नवरात्र महोत्सव पर्व का शुभारम्भ आज से शुरू हो गया | पूरे नौ दिन भक्त माँ अम्बे की पूजा-अर्चना में लीन रहेंगे | देवी मंदिरों को आकर्षक ढंग से सजाया गया है| रात को मंदिर का दृश्य और भी मनोरम हो जाता है | भक्तों ने अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए मंदिरों में दीप भी प्रज्ज्वलन किये है | शुभ मुहूर्त व गोधुली बेला में पूरी श्रद्धा व विधि-विधान के साथ दीप प्रज्वलित किये जायेंगे | इसी तरह शहर के चौक -चौराहों में विभिन्न समितियों द्वारा पंडाल सजाकर माता की प्रतिमा स्थापित की गई है | नवरात्र को लेकर भक्तों में अपार उत्साह देखा जा रहा है | प्रतिमा ले जाने का सिलसिला पर्व के एक दिन पहले ही शुरू हो गया था |मंदिर व पंडाल में मंत्रोच्चार के साथ मां की आराधनाशक्ति का पर्व शुरू होगा। देवी मंदिरों में घट-स्थापना व आस्था के दीप प्रज्जवलित किये जायेंगे | पर्व को लेकर शहर व अंचल के सभी देवी मंदिर को सजाया गया है । नौ दिनों तक देवी मंदिरों में पूजन का क्रम चलेगा। कोरोना के कारण इस बार जसगीत, भोग-भंडारा का आयोजन नहीं होगा | शहर की आराध्य देवी मां विंध्यवासिनी विंध्यवासिनी मंदिर सहित शहर के दानी टोला वार्ड स्थित शीतला माता मंदिर, गंगरेल स्थित मां अंगारमोती मंदिर, मराठापारा स्थित मंदर माई मंदिर, रामसागर पारा के रिसाई माता एवं शीतला मंदिर , दंतेश्वरी मंदिर शीतला मंदिर गोकुलपुर वार्ड, गायत्री मंदिर, सोरिद वार्ड स्थित काली मंदिर, काली मंदिर बस स्टैंड, रत्नेश्वरी मंदिर रत्नाबांधा, दुर्गा मंदिर बठेना वार्ड सहित अन्य देवी मंदिरों में शुभ मुहूर्त में मनोकामना के दीप प्रज्वलित किये जायेंगे | पंडितों के अनुसार इस वर्ष शारदीय नवरात्रि 17 अक्टूबर को चित्रा नक्षत्र से प्रारंभ हो रही है और नवरात्रि अत्यंत सुख और समृद्धि प्रदान करने वाली होगी | इस बार के नवरात्रि पूरे नव दिन की ही रहेगी | नवरात्रि में प्रथम दिन अभिजीत मुहूर्त में स्थापना होगी| इस बार महत्वपूर्ण है कि जिस दिन घट स्थापना हो रही है उसी दिन सुबह सूर्य लग्न में नीच का होगा यह अत्यंत दुर्लभ घटना है|
नवरात्रि कलश स्थापना का शुभ समय चौघड़िया
सुबह में 7 बजकर 25 मिनट से कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त शुरू
राहुकाल 9 बजे से 10 बजकर 30 मिनट तक।
काल चौघड़िया सुबह 6 बजकर 35 मिनट से 8 बजकर 3 मिनट तक।
शुभ चौघड़िया 8 बजकर 3 मिनट से 9 बजकर 30 मिनट तक।
अभिजीत मुहूर्त 11 बजकर 43 मिनट से दोपहर 12 बजकर 28 मिनट तक शुभ है | नवरात्रि का पहला दिन मां दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप को समर्पित होता है। पर्वतराज हिमालय की पुत्री होने के कारण इन्हें शैलपुत्री कहाजाता है। मां दुर्गा का यह स्वरूप बेहद शांत, सौम्य और प्रभावशाली है। घटस्थापना के साथ ही मां शैलपुत्री की विधि-विधान से पूजा की जाती है।
कहा जाता है कि नवरात्र में सच्चे दिल से की गई प्रार्थना और मनोकामना व्यर्थ नहीं जाती। इसलिए परिवार की सुख शांति और समृद्धि के लिए नवरात्र में मां अंबे की पूजा अवश्य करनी चाहिए।