
मैडिटेशन के द्वारा संबंधो को हम फिर से मधुर बना सकते है |
सम्बन्ध भावनाओ से बनते है, जब भावना टूटती है तब सम्बन्ध टूटते है |
धमतरी । स्वस्थ जीवन के लिए सहज राजयोग शिविर में संबंधो में मधुरता कैसे लाये इस विषय पर अपने विचार देते हुए अदिति बहन ने कहा आज मनुष्य बाहर शांति ढूंड रहा है ,प्रेम ढूंड रहा है | बाहर हम तब ढूंडते है जब अन्दर खतम होता है | जैसे घर में जब आटा खतम हो तब आटा लेने जाते है ,सब्जी ख़तम हो तब सब्जी लेने जाते है |
अन्दर से भरपूर रहेंगे तो बाहर नहीं जायेंगे | किसी चीज की कमी है तो स्त्रोत से ले लो | मैडिटेशन के द्वारा आज से अंतरमन को भरपूर करना शुरू कर दो |
मंदिर में भगवान के गुणों का गान करते है ,घर में लोगों के अवगुणों का गान करते है | सम्बन्ध भावनाओ से बनते है ,इसलिए कहते है भावनात्मक संबंध | जब भावना टूटती है तब सम्बन्ध टूटते है | फिर आप चीज वस्तुवो से टूटे संबंधो को जोड़ नहीं सकते | मैडिटेशन के द्वारा संबंधो को हम फिर से मधुर बना सकते है |
प्रतिदिन शहर के गणमान्य नागरिक दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ करते है जिसमे आज मुख्य रूप से उपस्थित थे गोपाल शर्मा जी, मदन मोहन खंडेलवाल जी, महेश रोहरा जी, योगेश गुप्ताजी, हुकुमचंद मिन्नी जी , डॉ वी.आर.वर्मा जी, महेश शांडिल्य जी, जगतराम यादव जी, सुरेन्द्र गुप्ता जी |