बी.सी.एस शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय धमतरी के हिंदी विभाग द्वारा एक दिवसी राष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन “कोविड-19 का साहित्य पर प्रभाव” विषय पर सफलतापूर्वक संपन्न हुआ जिसमें सभी वक्ताओं ने मानव जीवन पर कोरोना के कारण साहित्य पर पड़े प्रभाव पर बेहतरीन तरीके से अपने विचार प्रस्तुत किए कार्यक्रम का शुभारंभ पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर के कुलपति डॉ. केएल वर्मा के उद्बोधन के साथ हुआ डॉ. वर्मा ने इस विषय पर अपने सारगर्भित विचार रखते हुए कहा कि साहित्य का कोरोना काल में नया रूप देखने को मिला है देश समाज को नई दिशा दिखाने का काम वर्तमान साहित्य में समाहित है महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सी. एस- चौबे ने अपने वक्तव्य में कहा कि साहित्य समाज का आईना होता है कोरोना काल में भी यह समाज को सही रास्ते पर ले जाने का काम कर रहा है
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय हरियाणा के पूर पूर्व सचिव डॉ. कृष्ण चंद रल्हन ने कहा कि कोविड-19 काल में साहित्य सृजन की संख्या में वृद्धि हुई है साहित्यकारों ने इस समय का भरपूर उपयोग साहित्य सृजन में किया शंकर मुनि राय विभागाध्यक्ष हिंदी साहित्य दिग्विजय महाविद्यालय राजनांदगांव में कोविड-19 के साहित्य पर सकारात्मक एवं नकारात्मक प्रभाव पर अपने विचार रखे और इस बात को रेखांकित किया कि इस दौर में लोकगीतों का प्रभाव पड़ा डॉ शैल चंद्रा ने कहा की कोविड-19 काल में लघु कथाओं की रचना बहुत अधिक की गई लघु कथाओं के माध्यम से बहुत से संदेश दिए गए डॉ सीमा शुक्ला ने कहा कि हर समस्या में ही समाधान भी छुपा होता है अत: कोविड-19 की समस्याओं से समाधान के द्वार खोले | डॉ आर. के. पांडे ,डॉ. कल्पना मिश्रा ने भी अपने विचार व्यक्त किए और कहा कि इस काल में लोगों की संवेदना बड़ी, मानवीता बड़ी जिसका साहित्य पर प्रभाव पड़ा | साहित्य ने इस दौर में लोगों की चेतना का नया स्वरूप प्रदान किया इस वेबीनार का संचालन विभागाध्यक्ष डॉ. श्रीमती श्रीदेवी चौबे ने किया कार्यक्रम को सफल बनाने में हिंदी विभाग के प्राध्यापक डॉ चंद्रिका साहू, प्रो. खेदु भारती, आईटी विभाग के सीमा साहू, राजेश चौरसिया भूपेंद्र साहू, हरमीत सिंह आनंद सहित महाविद्यालय के सभी अधिकारी कर्मचारी का योगदान सराहनीय रहा |