
धमतरी | बी.सी.एस.शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, धमतरी के प्राचार्य डॉ.विनोद कुमार पाठक के निर्देशन एवं आई.क्यू.ए.सी. समन्वयक डॉ.सरला व्दिवेदी एवं आई.क्यू.ए.सी.समिति के समस्त प्राध्यापकों के सहयोग से दिनांक 22.02.2025 को नवीन भवन सेमीनार हॉल में प्रात 10ः00 बजे से डीजिटल युग में अनुसंधान पद्धति के उभरते रूझान विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन ऑनलाईन एवं ऑफलाईन मोड में किया गया। कार्यशाल का आरंभ मॉं सरस्वती पूजन व राज्य गीत के साथ किया गया। कार्यशाला में मुख्य अतिथि एवं वक्ता डॉ.सैमसन आर.विक्टर सहायक प्राध्यापक शिक्षाशास्त्र इंदिरा गांधी राष्ट्रीय ट्रायबल विश्वविद्यालय अमरकंटक मध्यप्रदेश एवं डॉ.राजीव चौधरी प्राध्यापक शारीरिक शिक्षा पं.रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर व प्रो.विजय पी. राहंगडाले विभागाध्यक्ष अर्थशास्त्र अरविन्द बाबू देशमुख महाविद्यालय नागपुर महाराष्ट्र से उपस्थित रहें। सभी अतिथियों का स्वागत पौधा देकर किया गया। स्वागत व सम्मान के उपरांत प्रथम सत्र का प्रारंभ हुआ जिसमें डॉ.तामेश्वरी साहू कार्यशाला समन्वयक ने प्राचार्य का परिचय देते हुए कार्यशाला की अध्यक्षता प्राचार्य के व्दारा हुआ। सत्र के प्रारंभ में प्राचार्य व्दारा की-नोट एडेªस प्रस्तुत किया।
इसके उपरांत प्रथम सत्र प्रारंभ हुआ जिसमें प्रो.अमित साहू के व्दारा वक्ता का परिचय देकर आमंत्रित किया गया। इस सत्र में डॉ.सैमसन आर.विक्टर के व्दारा ऑर्टीफिसियल इंजेलीजेंस पर अनुसंधान पद्धति पर नये रूझान विषय पर विस्तृत एवं गहन व्याख्यान उदाहरण के साथ प्रस्तुत किया एवं तकनीकि ज्ञान व अर्थपरक शोध नीति पर आधारित शोध पर बल दिया। जिससे भविष्य में उच्च शिक्षा में शोध के माध्यम से नवीन आयाम स्थापित किया जा सके। प्रथम सत्र में दूसरे वक्ता का परिचय सहायक प्राध्यापक श्रीमती आकांक्षा कश्यप के व्दारा शैक्षणिक विवरण के साथ परिचय देकर आमंत्रित किया गया। वक्ता डॉ.राजीव चौधरी के व्दारा अनुसंधान विश्लेषण में सांख्यिकीय डॉटा का अनुप्रयोग विषय पर अनुसंधान विधियों को बहुत बारिकीयों से प्रयोग करते हुए शोध के गुणात्मक व मात्रात्मक शोध के तुलनात्मक शोध को मौलिक और सुगम बनाने पर विशेष बल दिया गया। इसके साथ ही तकनीकि ज्ञान का होना आवश्यक है। प्रथम सत्र के समाप्ति के बाद लंच के पश्चात् दूसरे सत्र में वक्ता का परिचय श्रीमती आकांक्षा कश्यप के व्दारा किया गया। इस सत्र में प्रो.विजय पी.राहंडाले ने शोध पत्र लेख एवं आलेख प्रकाशन पर गहन जानकारी दी। जिसमें शोध पत्र के प्रकार व शोध पत्र के नियम व गुणवत्ता के साथ संदर्भ ग्रंथ व आधार ग्रंथ ,सहायक ग्रंथ एवं पत्र-पत्रिकाओं को शोध पत्र में संकलित करने पर गुणवत्ता परक शोध को बढ़ावा देकर मौलिकता पर बल दिया। जिससे अनुसंधान में मौलिकता को बढ़ावा मिल सके। कार्यक्रम के अंत में समस्त अतिथियों को स्मृति चिन्ह प्राचार्य महोदय के व्दारा प्रदान किया गया। इस कार्यक्रम में धमतरी जिले के अन्य महाविद्यालयों के प्राचार्य डॉ.मनदीप खालसा, डॉ.अनिता राजपुरिया, डॉ.प्रभा वेरूलकर एवं शोध छात्रों की महती उपस्थिति रही। इस कार्यशाला को सफल बनाने में महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक एवं छात्र-छात्राओं के साथ महाविद्यालय परिवार का महत्वपूर्ण योगदान रहा। कार्यशाला का संचालन डॉ.सरला व्दिवेदी एवं डॉ.तामेश्वरी साहू के व्दारा एवं आभार प्रदर्शन प्रो.निरंजन साहू के व्दारा किया गया।