प्रदेश के विभिन्न जिलों के बच्चों ने रेडियोवार्ता की 12वीं कड़ी के लिए पढ़ाई, खेलकूद से संबंधित अनेक प्रश्न रिकार्ड करवाए थे। चूंकि 14 नवम्बर को दीवाली के साथ बच्चों के प्यारे चाचा नेहरू का जन्मदिवस ‘बाल दिवस‘ भी है, इसलिए चाचा नेहरू से जुड़े बाल सुलभ रोचक प्रश्न भी बच्चों ने मुख्यमंत्री से पूछे, ‘चाचा नेहरू फैंसी ड्रेस छोड़कर हमेशा खादी के कपड़े और टोपी क्यों पहनते थे ?‘, ‘चाचा नेहरू को गुलाब के फूल बहुत ज्यादा पसंद क्यों थे ?‘ जिनका मुख्यमंत्री ने सिलसिलेवार जवाब दिया। साथ ही उन्होंने स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के व्यक्त्वि, कृतित्व, उनके विचारों और व्यक्त्वि के रोचक पहलुओं से भी परिचित कराया।  मुख्यमंत्री ने लोकवाणी के प्रारंभ में प्रदेशवासियों को इस माह की 14 तारीख को दीवाली पर्व सहित इससे जुड़े गौरी-गौरा, गोवर्धन पूजा, मातर, भाईदूज, देवउठनी एकादशी, कार्तिक पूर्णिमा का मेला जिसे पुन्नी मेला भी कहा जाता है, पर्वों की बधाई और शुभकामनाएं दीं। श्री बघेल ने चाचा नेहरू के खादी और गुलाब के फूल के प्रति प्रेम के बारे में रायगढ़ के पुसौर के नेक नांगर प्राथमिक शाला की कक्षा 5वीं की छात्रा ज्योति और सूरजपुर जिले के ओड़गी विकासखंड गांव गंगोत्री की प्राथमिक शाला की कक्षा 4थीं के छात्र बिजेश्वर द्वारा पूछे गए प्रश्नों का जवाब देते हुए कहा कि नेहरू जी विदेश से पढ़ाई कर लौटने के बाद जल्दी ही गांधी जी के सम्पर्क में आ गए थे। गांधी जी की प्रेरणा से वे देशप्रेम, त्याग, सादगी और आजादी की लड़ाई का महत्व समझ गए और गांधी जी की तरह खादी के कपड़े पहनने लगे। उनकी बेटी इंदिरा जी बगीचे से एक ताजा गुलाब का फूल तोड़कर नेहरू जी के कुर्ते में लगाने लगी तो उन्होंने इस भावना और प्यार को सहेजते हुए गुलाब फूल को बच्चों के प्रेम का प्रतीक बना लिया।