
एसपी धमतरी के निर्देशन में पुलिस की बड़ी कार्यवाही – फर्जी सिम कार्ड जारी करने के तीन अलग-अलग मामलों में चार आरोपी गिरफ्तार, आईटी एक्ट व टेलीकम्युनिकेशन एक्ट के तहत कार्यवाही – मोबाइल, पीओएस सिम व फिंगरप्रिंट स्कैनर जब्त, फर्जी सिम जारी करने वालों पर धमतरी पुलिस की सख्ती – 04 आरोपी न्यायिक रिमांड पर भेजे गए जेल
धमतरी | एसपी. धमतरी के निर्देशन में थाना प्रभारी सिटी कोतवाली एवं थाना प्रभारी सिहावा पुलिस द्वारा फर्जी तरीके से सिम कार्ड जारी करने से संबंधित तीन अलग-अलग मामलों में कुल चार आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया है। यह कार्यवाही साइबर अपराधों एवं फर्जी सिम जारी करने जैसी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से की गई पहला मामला थाना सिटी कोतवाली धमतरी-:अपराध क्रमांक 158/2025धारा 319(2), 318(4) बी.एन.एस. एवं 42(3)(E) टेलीकम्युनिकेशन एक्ट
आरोपी का नाम – नागेन्द्र साहू पिता होमलाल साहू उम्र 26 वर्ष निवासी गौरा चौरा, लालबगीचा, थाना सिटी कोतवाली, जिला धमतरी प्रार्थी रविंदर सिंह अजमानी ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि आरोपी नागेन्द्र साहू ने मई-जून 2024 में उसका आधार कार्ड, बायोमेट्रिक फिंगरप्रिंट एवं लाइव फोटो लेकर उसके नाम से एयरटेल कंपनी का फर्जी सिम (नंबर 7089353106) जारी किया। जांच में अपराध प्रमाणित पाए जाने पर आरोपी से जप्त सामान-: 01 नग POS सिम (7415532227) 01 नग वनप्लस टी मोबाइल, 01 नग मंत्रा कंपनी की फिंगरप्रिंट मशीन जप्त कर विधिवत गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया।
दूसरा मामला थाना सिटी कोतवाली धमतरी-: अपराध क्रमांक 84/2025 धारा 318(4), 3(5) बी.एन.एस. एवं 66(सी) आईटी एक्ट आरोपियों का नाम : (01) उमेश साहू पिता द्वारिका साहू उम्र 24 वर्ष निवासी ग्राम इर्रा, थाना भखारा, जिला धमतरी (छ.ग.) (02) वासुदेव साहू उर्फ वासु साहू पिता उमाकांत साहू उम्र 28 वर्ष निवासी विद्यावासिनी वार्ड, थाना सिटी कोतवाली, जिला धमतरी (छ.ग.) दोनों आरोपी पीओएस ऑपरेटर के रूप में कार्य करते हुए फर्जी पहचान पत्रों के आधार पर सिम कार्ड जारी करने में संलिप्त पाए गए। गवाहों के समक्ष पूछताछ व मेमोरेंडम कथन के आधार पर उनसे दो मोबाइल फोन जप्त किए गए। पर्याप्त साक्ष्य पाए जाने पर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया। तीसरा मामला थाना सिहावा, जिला धमतरी अपराध क्रमांक 30/2025 धारा 66(c) आईटी एक्ट एवं 42(3)(E) टेलीकम्युनिकेशन एक्ट, 2023
आरोपी का नाम : ओनिल कुमार साहू पिता लिखन लाल साहू, उम्र 21 वर्ष, निवासी नवागांव वार्ड क्रमांक 8, थाना बोरई, जिला धमतरी जांच में पाया गया कि आरोपी द्वारा बिना वैधानिक सत्यापन प्रक्रिया का पालन किए पहचान पत्रों के आधार पर POS फर्जी सिम कार्ड जारी किए जा रहे थे, जिससे दूरसंचार सुरक्षा व्यवस्था को खतरा उत्पन्न हो रहा था।
इस पर आरोपी को विधिवत गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया। फर्जी सिम और म्यूल अकाउंट का उपयोग कैसे करते हैं – साइबर धोखाधड़ी के मामलों में “म्यूल अकाउंट” और पीओएस एजेंटों द्वारा जारी फर्जी सिम कार्ड का उपयोग चिंताजनक रूप से बढ़ रहा है। अपराधी अब अपनी वास्तविक पहचान छिपाने के लिए म्यूल खातों (दूसरों के बैंक खातों) का सहारा ले रहे हैं। इन खातों का उपयोग वे अवैध लेनदेन, ठगी से प्राप्त धनराशि के ट्रांसफर, तथा मनी लॉन्ड्रिंग जैसे कार्यों में करते हैं। इन अपराधों में सहायता के लिए फर्जी सिम कार्ड का व्यापक रूप से प्रयोग किया जा रहा है, जिन्हें कुछ पीओएस एजेंट बिना उचित सत्यापन प्रक्रिया का पालन किए जारी कर देते हैं। ये सिम कार्ड अपराधियों को फर्जी कॉल करने, ओटीपी चोरी करने और धोखाधड़ी वाले ऑनलाइन लेनदेन को अंजाम देने में मदद करते हैं। चिंता का विषय यह है कि कुछ एजेंट एक ही आधार कार्ड या बायोमेट्रिक जानकारी का बार-बार उपयोग करके कई सिम कार्ड सक्रिय कर देते हैं, जो पूरी तरह गैरकानूनी और साइबर अपराध को बढ़ावा देने वाला कृत्य है। बिना उपयोगकर्ता की अनुमति या उचित पहचान सत्यापन के जारी किए गए ऐसे सिम कार्ड वित्तीय अपराधों और पहचान चोरी के प्रमुख साधन बनते जा रहे हैं। ऐसी लापरवाही या जानबूझकर की गई गड़बड़ी से न केवल साइबर अपराधों में वृद्धि होती है, बल्कि निर्दोष नागरिकों की पहचान और बैंक खाते भी अपराध की चपेट में आ जाते हैं। इसलिए आवश्यक है कि टेलीकॉम कंपनियां और एजेंट सत्यापन प्रक्रिया का कड़ाई से पालन करें, और नागरिक भी किसी अनजान व्यक्ति को अपने आधार या बायोमेट्रिक जानकारी देने से बचें।
धमतरी पुलिस की अपील व चेतावनी : फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सिम कार्ड जारी करना या लेना गंभीर अपराध है।
सत्यापन के बिना सिम कार्ड जारी करने या उपयोग करने वालों के विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्यवाही की जाएगी। धमतरी पुलिस नागरिकों से अपील करती है कि साइबर अपराधों की सूचना तुरंत नजदीकी थाना या साइबर हेल्पलाइन 1930 पर दें। धमतरी पुलिस का संदेश : “साइबर और दूरसंचार अपराधों पर जीरो टॉलरेंस की नीति – फर्जीवाड़ा करने वालों पर अब सख्त कार्यवाही जारी।”